रांची : झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि हमारे प्रतिद्वंद्वी बोलते थे कि क्या आदिवासी राज चलायेगा, आज वही आदिवासी सत्ता में है, इसलिए अब नये परिवेश के साथ संगठन को धारदार बनाना होगा. समय बदल रहा है. हमें भी बदलना होगा. उन्होंने कहा कि झारखंड और झारखंडी दोनों को बचाना होगा. श्री सोरेन झामुमो के 12वें महाधिवेशन में कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत होने के बाद केंद्रीय कमेटी के सदस्यों व विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे.
महाधिवेशन में झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, ओड़िसा, छत्तीसगढ़ से आये 600 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए. कार्यकारी अध्यक्ष निर्वाचित के बाद केंद्रीय समिति के सदस्यों ने केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन व कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को 30 किलो का माला पहना कर अभिवादन किया. झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना का भयानक मंजर देश में देखा, जिसे लोग कभी भूल नहीं पायेंगे. हमने कोरोना संकट से निबटने के लिए बेहतर प्रबंधन का मॉडल देश को दिखाया. हमने विगत छह महीने में कम से कम 30 योजनाएं धरातल पर उतारी हैं.
विकास के वातारण से विपक्ष के पेट में हो रहा दर्द : जेपीएससी पर सीएम ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. बेवजह विवाद खड़ा किया जा रहा है. इस परीक्षा में 75 प्रतिशत हमारे एसटी-एसी और ओबीसी एवं स्थानीय बच्चे पास हुए. इसके पहले 75 प्रतिशत बाहर के लोग आते थे. क्या गरीबों को सहारा देना मुख्यमंत्री का काम नहीं है.
कमजोर कैसे आगे बढ़ रहा है. इससे विपक्ष के पेट में दर्द हो रहा है और यह लाजमी भी है. उन्होंने कहा कि राज्य में उनके नेतृत्व में चल रही यूपीए की सरकार एक लंबी लकीर खीचेंगी. गलती हमसे भी हो सकती है. मगर गलती से सीख लेना कोई गलत नही. यही तो हमारा संस्कार है. मगर सभी निश्चित रहे, सभी को छांव मिलेगा. कार्यक्रम का संचालन पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद पांडेय ने किया.
दिवगंत नेताओं को दी गयी श्रद्धांजलि: महाधिवेशन में पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी, विधायक साइमन मरांडी समेत पार्टी के दिवंगत नेताओं को श्रद्धाजंलि दी गयी. दो मिनट का मौन रख उनके आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गयी. महाधिवेशन में पार्टी के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शोक प्रस्ताव पढ़ा.
झंडे व बनैर से शहर को पाटा : महाधिवेशन को लेकर झामुमो की ओर से राजधानी को झामुमो के झंडे व बनैर से सजाया गया था. हरमू सहजानंद चौक में शिबू सोरेन व हेमंत सोरेन का कट ऑउट लगाया गया था. कार्यक्रम स्थल को भी पूरा हरा व सफेद रंगों में सजाया गया था. इसके अलावा शहर में जगह-जगह झारखंड के शहीदों के नाम पर तोरण द्वार भी बनाये गये थे. प्रतिनिधि अलग-अलग समुह में ढोल, नगाड़ा व तुरही के साथ भी पहुंचे थे. एक कार्यकर्ता झामुमो लिखा हुआ हरा का ड्रेस पहन कर पहुंचा था.
प्रमुख नेता जो थे मौजूद : महाधिवेशन में मंत्री चंपई सोरेन, मिथिलेश ठाकुर, जोबा माझी, जगरनाथ महतो, हफीजुल हसन, विधायकों में स्टीफन मरांडी, बसंत सोरेन, सीता सोरेन, मथुरा महतो, लोबिन हेंब्रम, सुदिव्य कुमार, बैजनाथ राम, अभिषेक प्रसाद पिंटू, मनोज पांडेय, महुआ माजी, मुस्ताक आलम, मधु मंसुरी व अन्य मौजूद थे.
केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन ने महाधिवेशन में पार्टी के पहले अध्यक्ष स्व बिनोद बिहारी महतो को याद किया. उन्होंने कहा कि स्व महतो के संघर्ष व आंदोलन को नहीं भुलाया जा सकता है. आज उनकी पुण्यतिथि है. ऐसे में पार्टी उन्हें नमन करती है. शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन समेत पार्टी के नेताओं ने स्व विनोद बिहारी महतो के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इससे पहले पद्मश्री मधु मंसूरी ढोल-नगाड़ों के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे थे. वह झामुमो के रांची जिला के प्रतिनिधि के रूप में महाधिवेशन में शामिल हुए. कार्यक्रम के दौरान शिबू सोरेन व हेमंत सोरेन ने उन्हें शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया.
सत्ता की मोह-माया मुझे नहीं है- हेमंत सोरेन: हेमंत सोरेन ने कहा कि लोग कहते थे हड़िया-दारू पीने वाला आदिवासी क्या सरकार चलायेगा. हम लोगों ने तो सरकार चला दिया. झारखंड भी बचायेंगे और झारखंडियों को भी साथ लेकर चलेंगे. सत्ता की मोह-माया मुझे नहीं है. आदिवासी-मूलवासियों की लड़ाई जारी रहेगी.
Posted by: Pritish Sahay