Jharkhand News: झारखंड के रांची स्थित पुराने विधानसभा मैदान में झारखंड बचाओ मोर्चा की ओर से आयोजित छोटानागपुर प्रमंडल स्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इसमें रांची, रामगढ़, लोहरदगा, खूंटी, सिमडेगा, गुमला समेत विभिन्न जिलों के स्थानीय नीति- नियोजन नीति के समर्थक जुटे. इस मौके पर JMM विधायक लोबिन हेंब्रम ने स्थानीय और नियोजन नीति को लेकर एक हुंकार भरी फिर.
झारखंड बहारियों का चारागाह बना
झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि आदिवासी समाज अंग्रेजी हुकूमत के सामने नहीं झुका, तो हमलोग जनविरोधी ताकत के सामने क्यों झुकेंगे. आदिवासी आंदोलन से ही सीएनटी -एसपीटी एक्ट बना. इसमें बिरसा मुंडा, सिद्धू-कान्हू, वीर बुधु भगत समेत अन्य लोगों की अहम भूमिका रही, परंतु इस कानून का आज धज्जियां उड़ाई जा रही है. झारखंड अलग राज्य निर्माण में आदिवासी -मूलवासी के अनेक लोगों ने लहू बहाया और अपनी आहुति दी. बंगाल बंगालियों के लिए बना. ओड़िसा ओड़िया के लिए बना. बिहार बिहारियों के लिए बना, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि झारखंड बहारियों का चारागाह बना हुआ है.
सरकार को स्थानीय और नियोजन नीति बनाना होगा
उन्होंने कहा कि बड़ी जद्दोजहाद से झारखंड राज्य का निर्माण हुआ, लेकिन हेमंत सरकार 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति नहीं बना रही है. सरकार को स्थानीय और नियोजन नीति बनाना होगा. सरकार हमें लॉलीपॉप देकर आंख में धूल झोंकने का काम करती है. इससे सावधान रहने की जरूरत है. हम गरीब का बेटा है, तो हमें अपना अधिकार चाहिए. झारखंड में आरा, छपरा, बलिया के लोग राज कर रहे हैं. झारखंड में नौकरी और जमीन लूटोगे, तो झारखंड बचाओ मोर्चा बर्दाश्त नहीं करेगी.
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प्रमंडलीय सम्मेलन तो ट्रेलर है, अगली फिल्म बाकी है
JMM विधायक ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पेसा कानून लागू हुआ, परंतु झारखंड में अभी तक नियमावली नहीं बनाया गया है. मुझे पार्टी से निकाला जा सकता है, माटी से नहीं. मैं जब तक जिंदा रहूं, तब तक और स्थानीय नीति लागू करने के लिए संघर्ष करता रहूंगा. यह प्रमंडलीय सम्मेलन तो ट्रेलर है, अगली फिल्म बाकी है. अगला कार्यक्रम आदिवासी मूलवासी बचाओ महारैली मोरहाबादी में होगी.
आदिवासी- मूलवासियों के हित में आर-पार की लड़ाई लड़ने की जरूरत
पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि स्थानीय नीति हमारी अधिकार की लड़ाई है. यह जब तक लागू नहीं होता है, तब तक हम लोग संघर्ष करते रहेंगे. पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबंगा ने कहा कि स्थानीय नीति नियोजन नीति 2001 में ही बन जाना चाहिए था, लेकिन अब बहुत देर हो चुका है. हम इस मांग को लेकर लड़ते रहेंगे. संयोजक प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि स्थानीय नियोजन नीति हम आदिवासी मूलवासी का मूल आधार है. इसके बिना न तो यहां नौकरी और नहीं कारोबार में अधिकार मिलेगा. छात्र नेता अजय टोप्पो ने कहा कि बिनोद बिहारी महतो ने कहा था पढ़ो एवं लड़ो उसी की तरह हमें आगे बढ़ने की आवश्यकता है. झारखंड में आदिवासी- मूलवासियों के हित में आर-पार की लड़ाई लड़ने की जरूरत है.
आदिवासियों के मूल वासियों के हित में एक भी नीति सिद्धांत नहीं बना
निरंजना हैरेंज ने कहा कि जब से अलग राज हुआ है. आदिवासियों के मूल वासियों के हित में एक भी नीति सिद्धांत नहीं बना है. सम्मेलन की अध्यक्षता पीसी मुर्मू ने की. संचालन छात्र नेता अजय टोप्पो, पूरन टोप्पो एवं प्रदीप तिर्की ने किया. महासम्मेलन में पूर्व सांसद त्रिशंकु सिंकू, डीपी जामुदा, पूर्व विधायक बहादुर उरांव, लक्ष्मी नारायण मुंडा, राजू महतो, कुंदरसी मुंडा, एलएन उरांव, सुब्रतो मुखर्जी, विजय शंकर नायक समेत कई नेता मौजूद थे.
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