Jharkhand News: झामुमो ने जहां बाबूलाल मरांडी की संकल्प यात्रा की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि पहले वे बतायें कि कुतुबमीनार से कब छलांग लगायेंगे. वहीं, सुदेश महतो को भी घेरते हुए कहा कि उन्हें डुमरी की जनता से वोट नहीं माफी मांगनी चाहिए. झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि सुदेश महतो जब एनडीए सरकार में गृहमंत्री थे, तब ही 2001 में ओबीसी का आरक्षण 27 प्रतिशत से घटा कर 14 प्रतिशत किया गया था. जब 1985 आधारित स्थानीय नीति बनी थी, तब उनके वर्तमान सांसद और पूर्व मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने इस घोषणा का स्वागत किया था. जबकि सुदेश तो अपने आपको इस राज्य में सबसे अधिक मूलवासियों के प्रखर वक्ता और आवाज कहते हैं. कहा कि दिवंगत जगरनाथ महतो अंत तक 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति की वकालत करते रहे. इसलिए राजनीतिक दायरे से बाहर निकलते हुए सुदेश महतो को जगरनाथ महतो को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए वहां अपना प्रत्याशी नहीं उतारना चाहिए था.
बाबूलाल का दावा हास्यास्पद
झामुमो महासचिव ने बाबूलाल मरांडी को बीजेपी का नया पहलवान बताते हुए कहा कि श्री मरांडी संकल्प यात्रा में क्या सिद्ध करेंगे कि वे कुतुबमीनार से कब कूदेंगे? झाविमो में रहते जिस व्यक्ति की पार्टी 2019 के डुमरी विधानसभा चुनाव में 1263 वोट लाकर 11वें स्थान पर रही, वो कह रहे हैं कि बीजेपी-आजसू अगर मिल कर लड़ गये, तो एनडीए डुमरी सीट निकाल लेगा. उनका यह दावा कितना हास्यास्पद है. कहा कि जो बाबूलाल मरांडी बीजेपी की सफाये की बात करते थे, आज वे उसके लिए संकल्प यात्रा निकाल रहे हैं.
चाचा का भतीजा प्रेम जग गया है इसलिए बरहेट से यात्रा शुरू कर रहे हैं
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि चाचा का भतीजा प्रेम इतना जग गया कि वे बरहेट से अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं. अच्छा रहेगा कि जिन इलाकों में हाट का दिन हो, वहीं कोई चौकी लगाकर सभा करें, ताकि कुछ भीड़ भी दिखे, क्योंकि बाबूलाल मरांडी की सभा में भीड़ आने से रही. कहा कि वे प्रशासन से भी कहेंगे कि जहां हाट लगे, वहां इनकी सभा की कुछ ऐसी व्यवस्था कर दें, नहीं तो ये भ्रम व झूठे तथ्य फैलाने में सबसे आगे रहनेवाले हैं.
सभी जान रहे हैं कि 14 को ही इडी का नोटिस क्यों आया
उन्होंने ईडी के नोटिस पर कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के एक दिन पूर्व, डुमरी उपचुनाव घोषणा होते ही और जब किसी भी राज्य का सीएम 15 अगस्त को राजधानी में झंडोत्तोलन करते हैं. उसके एक दिन पूर्व 14 अगस्त को इडी का नोटिस आना खुद ही अपनी कहानी बयां कर देती है. जनता सब देख और समझ रही है.
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हम देश भक्त हैं, इसके लिए किसी से प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं
झामुमो महासचिव ने हर घर तिंरगा अभियान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इसी विचारधारा के लोग आजादी का 56 साल तक तिरंगा नहीं फहराया और यही लोग अमृतकाल एवं आजादी का जश्न मना रहे हैं. हम सभी देश भक्त और राष्ट्रभक्त हैं, इसे साबित करने और किसी से प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है. कैग की रिपोर्ट में कई तरह के घोटाले की बातें सामने आ रही है. इन सब से ध्यान भटकाने के लिए केंद्र सरकार इस तरह की पैंतरे करते रहती है.
डुमरी उपचुनाव से पहले हार मान चुका है झामुमो : अरुण उरांव
दूसरी ओर, बीजेपी ने भी पलटवार किया है. बीजेपी नेता अरुण उरांव ने कहा कि झामुमो को अपनी चिंता करनी चाहिए. बीजेपी एक सशक्त विपक्ष की भूमिका हर क्षण निभा रही है. पार्टी सड़क से सदन तक जन भावनाओं को व्यक्त कर रही है. डुमरी उपचुनाव पर झामुमो प्रवक्ता के बयान से स्पष्ट हो गया कि झामुमो ने अपनी हार नामांकन से पहले ही स्वीकार कर ली है. रामगढ़ उपचुनाव में मिली करारी हार से सरकार के माथे पर चिंता की लकीर बढ़ गयी है. झामुमो को गठबंधन की दरारें परेशान कर रही हैं.
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तथ्यों का अध्ययन कर बोले झामुमो प्रवक्ता
उन्होंने कहा कि बीजेपी सत्ता संपोषित भ्रष्टाचार, खान-खनिज की लूट और कुशासन को घर-घर जाकर बतायेगी. आदिवासी जमीन की बेहिसाब लूट, बहन-बेटियों के साथ हो रहे दुष्कर्म, हत्या, राजधानी सहित प्रदेश भर में हो रही आदिवासी, दलित, पिछड़ों की खुलेआम हत्या से मुक्ति दिलाने के लिए संकल्पित है. इसी संकल्प के साथ प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्र में संकल्प यात्रा के माध्यम से जनता के बीच जा रहे हैं. कहा कि झामुमो की बौखलाहट स्वाभाविक है. जनता के सवाल और बीजेपी के संकल्प अब चुभने लगे हैं. झामुमो प्रवक्ता को न स्वतंत्रता संग्राम की जानकारी है और न देश के इतिहास की.आरएसएस तो उनकी बुद्धि से बाहर का संगठन है. इसलिए अच्छा होता झामुमो प्रवक्ता तथ्यों का अध्ययन करके बोलते.