रांची : झारखंड के जाने-माने पत्रकार, कार्टूनिस्ट, सामाजिक कार्यकर्ता और अलग झारखंड राज्य के आंदोलन में भाग लेने वाले आंदोलनकारी बशीर अहमद का शनिवार को निधन हो गया. दिल का दौरा पड़ने की वजह से रांची में उनका निधन हुआ. वह 65 वर्ष के थे.
रविवार सुबह नौ बजे रातू रोड स्थित कब्रिस्तान में उन्हें मिट्टी दी जायेगी. उनके निधन की सूचना जैसे ही उनके चाहने वालों को मिली बड़ी संख्या में लोग हिंदपीढ़ी स्थित उनके घर पर जुटने लगे. शनिवार शाम उनके आवास के बाहर बड़ी संख्या में लोगों ने इकठ्ठा होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
वर्ष 1980 के बाद से दो दशक तक झारखंड आंदोलन में इनकी अग्रणी भूमिका रही. ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के स्थापना काल से लेकर अग्रिम मोर्चे पर हमेशा सक्रिय रहे. उनका राजनीतिक पार्टी माले से भी गहरा संबंध था.
महेंद्र सिंह के विचारों से प्रभावित होकर ये भाकपा माले से जुड़े. लंबे अरसे तक उन्होंने भाकपा माले में काम किया. झारखंड नव निर्माण, जंगल-जमीन, आदिवासी सवालों और समाज सेवा के कार्यों पर भी वे लगातार सक्रिय रहे. अपने जीवकाल में उन्होंने कई अखबारों में बताैर कार्टूनिस्ट काम किया. इस वजह से उन्हें चाहने वालों की तादाद काफी अधिक थी.
उनके निधन पर माले विधायक विनोद सिंह, राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद, केंद्रीय कमेटी के सदस्य शुभेंदु सेन, जिला सचिव भुवनेश्वर केवट, एआइपीएफ नेता नदीम खान, माकपा के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव, भाकपा के सच्चिदानंद मिश्र सहित कई सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि दी.
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Posted By : Mithilesh Jha