झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने सातवीं, आठवीं, नौवीं व 10वीं जेपीएससी रिजल्ट को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. अदालत ने प्रार्थी की दलील सुनने के बाद जेपीएससी से पूछा कि गलत प्रश्न व गलत मॉडल उत्तर जारी करने पर उसका क्या जवाब है.
शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दायर करने का निर्देश दिया. प्रार्थी के मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने अथवा प्रार्थी को मुख्य परीक्षा में शामिल करने संबंधी आग्रह पर अदालत ने किसी प्रकार का आदेश पारित नहीं किया. अगली सुनवाई के लिए अदालत ने जनवरी 2022 की तिथि निर्धारित करने के लिए कहा.
इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता चंचल जैन ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि जेपीएससी ने सातवीं, आठवीं, नाैवीं व 10वीं संयुक्त सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) का मॉडल आंसर जारी किया था. अभ्यर्थियों की आपत्ति के बाद आयोग ने फाइनल मॉडल आंसर जारी किया. इसमें तीन प्रश्नों (प्रश्न संख्या-57, 87, 29 अॉफ बुकलेट सी सीरिज सामान्य ज्ञान पेपर-वन) का जो जवाब वेबसाइट पर अपलोड किया गया था, वह गलत था. प्रश्न संख्या-28 (बुकलेट सी सीरिज सामान्य ज्ञान पेपर-टू) पूरी तरह से गलत प्रश्न था.
चारों प्रश्न/उत्तर का पुनर्मूल्यांकन किया जाये अथवा एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया जाये, जो गलत प्रश्न व उत्तर का पुनर्मूल्यांकन करे. श्री जैन ने पीटी के रिजल्ट को निरस्त कर आयोग को संशोधित रिजल्ट जारी करने के लिए आदेश देने का आग्रह किया. वहीं जेपीएससी की अोर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल व अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी उमेश कुमार वर्मा ने याचिका दायर कर पीटी रिजल्ट को निरस्त करने की मांग की है.
Posted by: Pritish sahay