Jharkhand News: झारखंड में बिजली की व्यवस्था काफी खराब हो चुकी है. अधिकारी गंभीर नहीं हैं. रांची में भी कई क्षेत्र हैं, जहां हर दिन आठ से 10 घंटे की बिजली कटौती हो रही है. स्थिति सुधर नहीं रही है. अगर आनेवाले दो से तीन माह तक यही स्थिति रही, तो अप्रैल 2023 के बाद यहां के इंडस्ट्री बंद होने लगेंगे. बिजली की लचर व्यवस्था के कारण ऑर्डर समय पर पूरा करना मुश्किल हो रहा है. झारखंड में 50 हजार से अधिक छोटी-बड़ी एमएसएमइ यूनिट हैं. यह बात झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (JSIA) के अध्यक्ष अंजय पचेरीवाला ने शुक्रवार को जेसिया हॉल में कही.
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जेसिया अध्यक्ष ने कहा कि जेबीवीएनएल ने झारखंड के 22 साल में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का घाटा दिखाया है. आखिर ऐसी संस्था को रखने का क्या औचित्य है? सुझाव है कि बिजली व्यवस्था को प्रोफेशनल के हाथों सौंप दिया जाये. सारी स्थिति ठीक हो जायेगी. जिनके पास कोई विकल्प नहीं है, वे मजबूर हैं.
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उन्होंने कहा कि जेबीवीएनएल काफी मनमानी कर रहा है. सिक्योरिटी डिपोजिट पर सभी उपभोक्ताओं को सालाना ब्याज देने का प्रावधान है, लेकिन दशकों से उपभोक्ताओं को वंचित रखा जा रहा है. उपभोक्ताओं को न्यूनतम 21 घंटे प्रतिदिन बिजली देनी है. वरना फिक्स्ड चार्ज में अनुपातिक छूट देने का प्रावधान है, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा रहा है. न्यायालय द्वारा उपभोक्ताओं के पक्ष में दिये गये फैसले को लागू नहीं किया जा रहा है. अनावश्यक विवादों से उपभोक्ताओं को उलझा कर परेशान किया जा रहा है. इस अवसर पर जेसिया के उपाध्यक्ष विनोद अग्रवाल, मानद सचिव रंधीर शर्मा, संयुक्त सचिव शिवम सिंह और दीपक मारू उपस्थित थे.