Jharkhand News: हेमंत सरकार के खिलाफ आजसू ने राजव्यापी सामाजिक न्याय मार्च निकाला. इस मौके पर पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि हेमंत सरकार झारखंड को सामाजिक और राजनीतिक रूप से कमजोर एवं आर्थिक रूप से खोखला बना रही है. कहा कि मुख्यमंत्री और जितने दिन गद्दी पर रहेंगे इस राज्य का नुकसान ही होगा. इसलिए सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का समय है.
डीसी को सौंपा मांग पत्र
रांची में आयोजित सामाजिक न्याय मार्च को संबोधित करते हुए सुदेश महतो ने कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में आजसू पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं ,समर्थकों ने सात सूत्री मांगों को लेकर यह मार्च निकाली और समाहरणालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया तथा उपायुक्तों को मांग पत्र सौंपा. झारखंड की राजधानी रांची में मोराबादी स्थित बापू वाटिका से यह मार्च निकाली गई, जिसमें झंडे-बैनर के साथ हजारों कार्यकर्ताओं ने शिरकत किया.
हेमंत सरकार ने जनादेश का किया अपमान
आजसू सुप्रीमो ने कहा कि झारखंडी समाज के सामाजिक मुद्दों, खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति, जातीय जनगणना एवं पिछड़ों को आबादी अनुसार आरक्षण, पूर्व में जो जातियां अनुसूचित जनजाति की सूची में थी, उन्हें दोबारा अनुसूचित जनजाति में शामिल करना, सरना धर्म कोड पर कोई नितिगत निर्णय नहीं ले पा रही है. सरकार ने जनादेश का अपमान किया है, जनता उसका बदला लेगी. सरकार जनता के बीच अपना विश्वास खो चुकी है. सवा तीन साल में इस सरकार ने कायदे से एक भी वादे पूरे नहीं किये.
स्थानीय एवं नियोजन नीति की मांग
उन्होने कहा कि अधिकारियों के चयन में दक्षता नहीं लूट को मानक बनाया गया है. उसी का उदाहरण दिखाई पड़ रहा है. लूट पर दबिश पड़ते ही सरकार को खतियान और ओबीसी आरक्षण की याद आयी और फिर आरक्षण, नियोजन नीति को अपना पॉलीटिकल एजेंडा बनाने की कोशिश की. इसके बाद भी झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं. कहा कि हमने 1932 खतियान आधारित/अंतिम सर्वे पर स्थानीय एवं नियोजन नीति की मांग की, तो हेमंत सोरेन ने 2023 की स्थानीय नीति थोप दी.
लूट और भ्रष्टाचार का बोलबाला
आजसू प्रमुख ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में लूट और भ्रष्टाचार का बोलबाला है. अपराध बेतहाशा बढ़े हैं. राजधानी रांची में दिनदहाड़े गोलियां चल रही जो अफसर ज्यादा लूट मचायेगा उसे मनचाही और क्रीम पोस्टिंग मिलेगी. दक्ष और काबिल अफसरों को किनारे रखने का रिवाज है. प्राकृतिक और खनिज संपदा के संरक्षण की दुहाई देने वाला झामुमो सरकार के संरक्षण में सबसे ज्यादा इन संसाधनों की लूट हो रही है.
श्वेत पत्र जारी करे सरकार
जब हेमंत सरकार आयी थी उस समय उन्होंने एक झारखंड की वित्तीय स्थिति पर एक श्वेत-पत्र जारी किया था. अब सरकार के तीन साल पूरे होने पर वर्तमान वित्तीय स्थिति पर श्वेत-पत्र जारी करें.
सात मांगों को लेकर पूरे राज्य में निकली सामाजिक न्याय मार्च
– खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति लागू करो
– जातीय जनगणना एवं पिछड़ों को आबादी अनुसार आरक्षण सुनिश्चित करो
– पूर्व में जो जातियां अनुसूचित जनजाति की सूची में थी, उन्हें दोबारा अनुसूचित जनजाति में शामिल करो
– सरना धर्म कोड लागू करो
– बेरोजगारों को रोजगार दो
– झारखंड के संसाधनों की लूट बंद करो और
– झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान दो.
न्याय मार्च में इनकी रही उपस्थिति
न्याय मार्च में मुख्य रूप से केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत, उपाध्यक्ष हसन अंसारी, केंद्रीय महासचिव राजेंद्र मेहता, जिला परिषद अध्यक्ष निर्मला भगत, उपाध्यक्ष बीणा चौधरी, हटिया विधानसभा प्रभारी भरत काशी, खिजरी विधानसभा प्रभारी, प्रकाश लकड़ा, राजेंद्र शाही मुंडा, पार्वती देवी, सरिता देवी, विजय मानकी, रामदुर्लभ सिंह मुण्डा, सुकरा सिंह मुण्डा, संजय सिद्धार्थ, संजय महतो, गौतम साहू, बनमाली मंडल, पारस उरांव, हकिम अंसारी, विरंद्र तिवारी, किशोर महतो, रामजीत गंझू, मुजिबुल अंसारी, ज्ञान सिन्हा, वीणा देवी, सीमा सिंह, हरिश सिंह, आशुतोष गोश्वामी, सुनिल यादव, रमेश गुप्ता, ओम वर्मा, नितीश सिंह, नीरज वर्मा, प्रभा देवी, कमलू, फुलकुमारी देवी, दिगंबर महतो, सूरज मिश्रा, नईम अंसारी सहित हजारों की संख्या में नेता-कार्यकर्ता शामिल हुए.