Jharkhand News: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने रांची के नामकुम स्थित प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान में आयोजित दो दिवसीय किसान मेला सह प्रदर्शनी कार्यक्रम में कहा कि झारखंड कृषि प्रधान राज्य है. कृषि आजीविका का मुख्य साधन है. कृषि राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. यहां की ज्यादातर आबादी गांवों में बसती है. खुशहाल अन्नदाता ही खुशहाल झारखंड का निर्माण कर सकते हैं. कृषि का विकास एवं किसानों की समृद्धि जरूरी है. किसानों को उनकी मेहनत का प्रतिफल दिलाने के लिए उन्हें नई तकनीक देना आवश्यक है.
राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि लाख (लाह) का सबसे बड़ा उत्पादक देश भारत है. देश में प्रतिवर्ष 20 लाख टन लाख का उत्पादन होता है, जिसका 65% निर्यात विभिन्न देशों में किया जाता है. खुशी की बात है कि झारखंड सबसे ज्यादा लाख उत्पादक राज्य है. लाख की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है क्योंकि इसका विभिन्न उद्योगों में उपयोग होता है. किसानों को अनुकूल परिस्थितियों का लाभ उठाना चाहिए. लाख की खेती अच्छा विकल्प है जिससे अच्छी आय हो सकता है. मैं भी किसान परिवार से हूं किसानों की समस्या समझता हूं. किसानों को जानकारी देनी होगी किस मिट्टी में कौन सी फसल होगी. मिट्टी की नियमित जांच होनी चाहिए. समेकित कृषि प्रणाली अपनाने से एक फसल पर निर्भरता के जोखिम को कम किया जा सकता है.
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राज्यपाल ने कहा कि संस्थान से लाख उत्पादन की नई तकनीक का प्रशिक्षण प्राप्त कर विभिन्न राज्यों के किसान लाभान्वित हो रहे हैं. अन्य फसलों की तरह लाख उत्पादन को गति देने के लिए राष्ट्रीय लाख बोर्ड की स्थापना की आवश्यकता है एवं जल्द राज्य सरकार से बात कर बोर्ड के गठन का प्रयास किया जायेगा. लाख के क्षेत्र में तकनीकी यंत्रों पर अनुदान दिए जाने एवं गांवों में ही प्रसंस्करण की व्यवस्था कर रोजगार से जोड़ा जा सकता है.
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विशिष्ट अतिथि रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा कि राज्य से फल व सब्जी आस-पास के राज्यों में भेजे जाते हैं. रासायनिक खादों से उत्पादन बढ़ता है, परंतु इसके कुप्रभाव भी हैं. प्राकृतिक कृषि की ओर बढ़ने की आवश्यकता है. प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक कृषि के क्षेत्र में नई रेखा खींची है. प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए नदी के आसपास कोरिडोर बनाया जाएगा. किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम चल रहा है. देश ड्रोन आधारित कृषि की ओर बढ़ रहा है. राज्य के 17 लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान योजना के तहत 1100 करोड़ रुपए दिए गए.
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संस्थान के निदेशक डॉ केवल कृष्ण शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान की गतिविधियों एवं लाह किसानों की समस्या की जानकारी दी. लाह के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए चार लोगों को सम्मानित किया गया. राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद राज्यपाल ने प्रक्षेत्र एवं मेले में लगे स्टालों का भ्रमण किया. राज्यपाल ने कुसुम का पौधा भी लगाया.
रिपोर्ट: राजेश वर्मा