Lalu Prasad Yadav Case, Fodder Scam, रांची न्यूज (राणा प्रताप) : चारा घोटाले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर आज शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में अदालत ने लालू प्रसाद की जमानत खारिज कर दी. इस कारण इन्हें फिलहाल जेल में ही रहना होगा. पिछली सुनवाई में अदालत ने लालू प्रसाद द्वारा काटी गयी आधी सजा को लेकर सत्यापित प्रति सौंपने का निर्देश दिया था. आपको बता दें कि लालू प्रसाद फिलहाल दिल्ली एम्स में इलाजरत हैं.
अदालत में लगभग ढाई घंटे तक सुनवाई चली. सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिबल ने प्रार्थी की ओर से तथा राजीव सिन्हा ने सीबीआई की ओर से दलीलें पेश कीं. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत में जमानत देने से इनकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी. रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत से लालू प्रसाद को चारा घोटाले के जिन चार मामलों में सजा मिली है, उसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील याचिका दायर की थी. इसमें तीन मामलों में हाईकोर्ट ने उन्हें पहले ही जमानत दे दी है. दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में उनकी ओर जमानत देने का आग्रह किया था. आपको बता दें कि फिलहाल लालू प्रसाद दिल्ली के एम्स में इलाजरत हैं. 23 जनवरी 2021 को उन्हें रिम्स से दिल्ली एम्स रेफर किया गया था.
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चारा घोटाला में लालू प्रसाद यादव पर झारखंड में कुल पांच मामले चल रहे हैं. इनमें से चार मामलों में उन्हें सजा मिल चुकी है. लालू को पहले ही चाईबासा के दो एवं देवघर मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है. डोरंडा कोषागार मामले में अभी निचली अदालत में सुनवाई चल रही है. झारखंड हाईकोर्ट में आज शुक्रवार को सुनवाई के दौरान जेल हिरासत में बितायी गयी अवधि की गणना में सीबीआई की गणित में लालू प्रसाद फंस गये. इस कारण उन्हें दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में जमानत नहीं मिल सकी. सीबीआई ने अपनी दलीलों से लालू के जेल से बाहर निकलने का रास्ता रोक दिया. अब ये जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को झारखंड हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली. लालू प्रसाद की आधी सजा पूरे होने के दावे को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा अभी करीब 2 माह का समय लालू प्रसाद की आधी सजा पूरी होने में बचा है. लालू प्रसाद की ओर से पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट से गुहार लगायी कि बेल पर फैसला के लिए आधी सजा पूरी होने के बाद की तिथि तय की जाए. उसके बाद फैसला सुनाया जाए, लेकिन कोर्ट ने इसे नहीं माना.
अदालत ने कहा कि प्रार्थी लालू प्रसाद चाहें तो सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं. सीबीआई की ओर से वरीय अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने कोर्ट को दलील दी कि अभी इस मामले में लालू प्रसाद ने जेल में 37 माह और 15 दिन की सजा काटी है. इसलिए उनकी अभी आधी सजा पूरी नहीं हुई है. इस कारण उनकी याचिका खारिज की जाए. वहीं वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि लालू प्रसाद की 42 माह की सजा पूरी हो चुकी है. सीबीआई की गणित में फंसे लालू प्रसाद को जमानत नहीं मिल सकी.
Posted By : Guru Swarup Mishra