रांची : राजद सुप्रीमो व चारा घोटाले के सजायाफ्ता लालू प्रसाद एक बार फिर से सुर्खियों में है. इस बार वजह बनी है एक वायरल वीडियो, जिसमें लालू की आवाज में बिहार के एक बीजेपी विधायक ललन पासवान से विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव व नीतीश सरकार को गिराने संबंधी बात हो रही है. इस वायरल वीडियो में कितनी सच्चाई है, इसकी पुष्टि प्रभात खबर नहीं करता है. लेकिन वायरल वीडियो से बिहार का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. वहीं रांची के बिरसा मुंडा जेल प्रशासन व जेल मैनुअल पर सवाल उठने लगे है.
जेल मैनुअल उल्लंघन को लेकर बीजेपी पहले भी हमलावार रही है. किडनी व शुगर सहित कई बीमारियों से ग्रसित लालू प्रसाद को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार रांची से 18 अगस्त 2018 को रांची के रिम्स में भर्ती कराया गया था. लंबे समय तक पेइंग वार्ड में भर्ती लालू को तीन अगस्त 2020 को रिम्स निदेशक के केली बंगला में शिफ्ट किया गया था. इस बंगले को अस्थायी कैंप जेल के रूप में परिवर्तित किया गया था.
लालू अब भी केली बंगला में ही इलाजरत हैं. बिरसा मुंडा जेल प्रशासन की आेर से केली बंगला के अंदर जहां लालू प्रसाद रहते हैं, वहां तीन सेवादार दिये गये है. एक इरफान है, जो लालू की जरूरत का सामान बाहर से केली बंगला के अंदर लाता है. दूसरा लक्ष्मण है, जो लालू के लिए भोजन की व्यवस्था करता है. जबकि तीसरा एक और सेवादार है, जो लालू की शारीरिक देखभाल करता है.
रांची पुलिस प्रशासन की ओर से केली बंगला के बाहर यानी परिसर में सुरक्षा की व्यवस्था की गयी है. वहां पर करीब 30 कांस्टेबल, तीन पुलिस अफसर व तीन दंडाधिकारियों को तैनात किया गया है. इनकी जवाबदेही सिर्फ सुरक्षा को लेकर है. इसकी पुष्टि सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार ने की है.
केली बंगला के अंदर क्या हो रहा है या फिर इसके अंदर कौन जायेंगे, यह तय करने का काम जेल प्रशासन का है. क्योंकि केली बंगला अस्थायी कैंप जेल है. यहां हर शनिवार या फिर किसी और दिन कितने लोग लालू से मिलेंगे, यह तय करने का काम बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अधीक्षक हामिद अख्तर का है. मुलाकात के दौराज जेल से एक अफसर भेजा जाता है. मामले में पक्ष लेने के लिए कई बार जेल अधीक्षक हामिद अख्तर को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसिव नहीं किया.
बिहार चुनाव के पहले टिकट को लेकर कई नेता व कार्यकर्ता लालू से मिलने के लिए केली बंगला आते थे. लोगों की भीड़ लगी रहती थी. इसको लेकर भी बीजेपी व जदयू ने सवाल खड़े किये थे. मकर संक्रांति के समय भी समर्थक दही-चूड़ा लेकर पहुंचते थे. रिम्स के पेइंग वार्ड में भी मुलाकाती मिलने जाते थे.
posted by : sameer oraon