झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में शराब से निर्धारित राजस्व के लक्ष्य को कम कर दिया है. विभाग द्वारा पूर्व में 2310 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य का निर्धारित किया गया था. जबकि इस बार 31 मार्च तक 2050 करोड़ का राजस्व निर्धारित किया है. अर्थात 260 करोड़ रुपये कम कर दिया गया है. विभाग को अब तक 1800 करोड़ का राजस्व का प्राप्त हुआ है.
ऐसे में पूर्व निर्धारित राजस्व के अनुसार, लगभग 510 कराेड़ कम राजस्व प्राप्त हुआ है. जबकि नये सिरे से निर्धारित लक्ष्य के हिसाब से भी राजस्व वसूली में सरकार 250 करोड़ पीछे हैं. 31 मार्च तक 250 करोड़ का राजस्व प्राप्त हो पायेगा इसकी भी संभावना कम है. नयी उत्पाद नीति के तहत राजस्व का तीसरा लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
नयी उत्पाद नीति के तहत सबसे पहले 2500 करोड़ का राजस्व निर्धारित किया गया था. उत्पाद नीति एक अप्रैल से लागू होनी थी, पर मई 2022 से नयी नीति के तहत शराब की बिक्री शुरू हुई, इस कारण राजस्व के लक्ष्य को कम कर दिया गया. इसके बाद राजस्व का लक्ष्य 2310 करोड़ निर्धारित किया गया. सरकार द्वारा अब फिर इसमें बदलाव किया गया है, अब राजस्व का लक्ष्य घटाकर 2050 करोड़ कर दिया गया है.
नयी उत्पाद नीति के तहत नियुक्त कंसल्टेंट को हटा दिया गया है. इसके तहत छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया था. कंसल्टेंट की सलाह के अनुरूप राज्य में शराब के राजस्व में बढ़ोतरी हुई. जबकि खुदरा शराब बेचनेवाली प्लेसमेंट एजेंसी की बैंक गारंटी जब्त किया जा चुका हैं. एजेंसी टारगेट के अनुरूप शराब नहीं बेच सकी.एजेंसी के बैंक गारंटी का 44 करोड़ रुपये जब्त किया गया है.एजेंसी को फिर से बैंक गारंटी की राशि जमा करने को कहा गया है.
राज्य में शराब से अब तक सबसे अधिक राजस्व वर्ष 2019-20 में मिला था. वर्ष 2020-21 में कुल 2009 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था. वर्ष 2019-20 में निर्धारित लक्ष्य से लगभग 200 करोड़ अधिक राजस्व मिला था. इसके बाद लगातार दो वर्ष कम राजस्व मिला. वर्ष 2020-21 में 1821 करोड़ एवं वर्ष 2021-22 में 1806 करोड़ का राजस्व मिला था. इस वर्ष अब 2050 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.