झारखंड विधानसभा के सदस्य बिरंची नारायण ने कहा है कि झारखंड में दिल्ली से भी बड़ा शराब घोटाला हुआ है. उन्होंने सदन के बाहर पत्रकारों को संबोधित करते हुए झारखंड सरकार की शराब नीति पर सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई. अगर इसकी निष्पक्ष जांच करायी जाये, तो यह दिल्ली में हुए शराब घोटाले से भी बड़ा घोटाला साबित होगा.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता बिरंची नारायण ने शुक्रवार को कहा कि झारखंड सरकार स्थानीय लोगों और आदिवासियों के हित की बात करती है. जल, जंगल और स्थानीयता की बात इस सरकार के लोग करते हैं. लेकिन, शराब बेचने की जिम्मेदारी झारखंड की किसी एजेंसी को देने की बजाय छत्तीसगढ़ की कंपनी के दे दिया गया.
Also Read: झारखंड में 31 मार्च के बाद से नयी प्लेसमेंट एजेंसी बेचेगी शराब, 2 अन्य जोन के लिए टेंडर किया जाएगा जारी
उन्होंने कहा कि झारखंड की सरकार ने एक ऐसी कंपनी को शराब बेचने का काम दे दिया, जिसने यहां आकर खुद से होलोग्राम छपवाना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं, आधा शराब और आधा पानी डालकर बोतल पैक करने लगी. 1500 रुपये की शराब को 3000 रुपये में बेचना शुरू कर दिया. यह सब किसके कहने पर हुआ. आखिर कंपनी ने किसके कहने पर दोगुनी नयी दरें तय कर दी.
भाजपा विधायक ने कहा कि यह कागज पर हुए घोटाला से भी बड़ा है घोटाला. सिर्फ 690 करोड़ रुपये कम राजस्व मिलने का मामला नहीं है. अगर इस मामले की जांच हो जाये, तो हजारों करोड़ रुपये का घोटाला साबित होगा. दिल्ली शराब घोटाला मामले में जैसे मनीष सिसोदिया आज जेल में चक्की पीस रहे हैं, झारखंड में भी बड़े-बड़े लोग जेल में चक्की पीसेंगे.
Also Read: झारखंड सरकार ने शराब के राजस्व का लक्ष्य घटाया, अब केवल 2050 करोड़ ही करना होगा प्राप्त
उन्होंने कहा, ‘मेरा सीधा-सीधा आरोप है कि सरकार के शीर्ष पर बैठे लोगों के संरक्षण में यह घोटाला हुआ है. शीर्ष स्थल पर बैठे लोगों का इसे संरक्षण प्राप्त है. यहां तक कि बिरंची नारायण ने सीधे-सीधे मुख्यमंत्री के स्तर के लोगों का संरक्षण प्राप्त है. साथ ही बिरंची नारायण ने सलाह दी कि लोग होटवार जेल में ठीक-ठाक कमरा बनवा लें, ताकि जब जेल जाना पड़े, तो आराम से वहां समय बीत सके.