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Lockdown : Cm हेमंत सोरेन ने की तीन योजनाओं की शुरुआत, 36 करोड़ मानव दिवस सृजन कर 20 हजार करोड़ रुपये लाखों श्रमिकों पारिश्रमिक देने का लक्ष्य

देशव्यापी कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना की शुरुआत की. इन योजनाओं से ग्रामीण, किसान व खेल के प्रति समर्पित युवाओं को काफी लाभ मिलेगा. राज्य सरकार की कोशिश है कि ग्रामीण समेत प्रवासी मजदूरों को भी गांव में ही रोजगार मिले.

रांची : देशव्यापी कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना की शुरुआत की. इन योजनाओं से ग्रामीण, किसान व खेल के प्रति समर्पित युवाओं को काफी लाभ मिलेगा. राज्य सरकार की कोशिश है कि ग्रामीण समेत प्रवासी मजदूरों को भी गांव में ही रोजगार मिले. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शुरू की गयी तीन योजनाओं के माध्यम से 36 करोड़ मानव दिवस सृजन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इससे करीब 20 हजार करोड़ रुपये लाखों श्रमिकों को उनके पारिश्रमिक के रूप में प्राप्त होगा.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तीन नयी योजनाओं की शुरुआत हुई है. बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना व वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना की शुरुआत से ग्रामीणों को काफी लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है. झारखंड जैसे पिछड़े राज्य के लिए ऐसी आपदा व संक्रमण एक चुनौती लेकर आया है. सीमित संसाधन होने के बावजूद बेहतर स्वास्थ्य सेवा के साथ-साथ विभिन्न राज्यों में फंसे झारखंड के लोगों को वापस लाने और उनके लिए आजीविका का संसाधन जुटाने के प्रति राज्य सरकार प्रतिबद्ध है.

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उन्होंने कहा कि 85 फीसदी लोग गांव में निवास करते हैं. उनका मुख्य रोजगार खेतों पर निर्भर है. संक्रमण के इस दौर में उद्योग बंद है. उद्योगों को खोलने का लगातार प्रयास जारी है. यह महामारी नये-नये चेहरे सामने ला रहा है. देश व राज्य इससे निजात पाने की कोशिश कर रही है. ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में भूखमरी की स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए सरकार ने इन योजनाएं को धरातल पर उतारा है.

बिरसा हरित ग्राम योजना : फल भी, रोजगार भी

बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत ग्रामीणों को फलदार वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित किया जायेगा. ग्रामीणों को 100-100 पौधों का पट्टा दिया जायेगा. इससे उन्हें एक साथ दोहरी लाभ मिलेगी. एक तो पौधों का पट्टा मिलेगा, वहीं पेड़ों के सुरक्षित रखने के लिए सरकार आर्थिक सहयोग भी करेगी. इसके अलावा जब ये वृक्ष बड़े हो जायेंगे, तो तीन साल के अंदर उस परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी भी प्राप्त होगी. इससे राज्य में जब फलदार वृक्षों का लंबा सिलसिला शुरू होगा और जब उन फलदार वृक्षों से फल मिलेंगे, तो फूड प्रोसेसिंग उद्योग को भी बल मिलेगा. इसके लिए बाजार की सुविधा में उपलब्ध करायी जायेगी.

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वीर शहीद पोटो हो खेल योजना : पंचायत स्तर पर बनेगा खेल का मैदान

राज्य वीरों का राज्य है. इस कड़ी में वीर लड़ाकू पोटो हो 1830 के दशक में तत्कालीन सिंहभूम में अंग्रेजों के छक्के छुड़ाये थे. इनके नेतृत्व में महान योद्धा नारा हो, कोचे हो, वरदान हो, पांडुआ हो, जोनके हो जैसे कई वीर शहीदों ने अंग्रेजों के पसीने छुड़ाएं. एक जनवरी को जगन्नाथपुर के संरसिया में अंग्रेजों ने पोटो हो को फांसी दी थी. वर्तमान में झारखंड के इन वीर शहीद को लोग जाने इसी उद्देश्य से सरकार ने वीर शहीद पोटो हो खेल योजना की शुरुआत की.

इसके तहत पूरे राज्य में पंचायत स्तर पर खेल का मैदान बनाने का निर्णय लिया है. राज्य में खेल की असीम संभावनाएं हैं. यहां के खिलाड़ियों ने देश-दुनिया में नाम कमाया. पंजाब, हरियाणा की तरह यह राज्य में भी खेल की दिशा में आगे बढेगा. खेल मैदान के अभाव में खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल पाता है. अब सरकार इस दिशा में गंभीर प्रयास शुरू कर दी है. अब खिलाड़ियों का हौसला बढ़ेगा. इससे राज्य व देश का नाम भी रोशन होगा. खेल के माध्यम से नौकरी में भी मिलेगा आरक्षण का लाभ इन्हें मिलेगा.

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नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना : अब तीन फसलों का हो सकेगा उत्पादन

राज्य में कई डैम बने, लेकिन इसका लाभ सही रूप में ग्रामीणों को नहीं मिल पाया है. सिंचाई के अभाव में किसान एक फसल पर ही निर्भर थे, लेकिन इस योजना के माध्यम से किसान अब तीन फसलों तक उत्पादन कर सकेंगे. इस योजना के तहत भूमिगत जल की बढ़ोतरी में भी लाभ मिलेगा. बंजर भूमि को खेती योग्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. सूखाग्रस्त इलाकों को इस योजना से काफी लाभ मिलेगा.

राज्य में 30 लाख मनरेगा कर्मी : आलमगीर आलम

झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि इस कठिन परिस्थिति में इस योजना को लाकर ग्रामीणों को हरसंभव सहयोग करने की राज्य सरकार कोशिश कर रही है. वर्तमान समय में शहरी व देहाती दोनों क्षेत्रों में रोजगार की कम होगी. इस कमी को दूर करने की राज्य सरकार भरसक कोशिश कर रही है. राज्य में मनरेगा कार्य से करीब 30 लाख लोग जुड़े हैं. इन मनरेगा कर्मियों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की कोशिश केंद्र सरकार से की जा रही है. इन्हें भी न्यूनतम मजदूरी 293 रुपये की व्यवस्था केंद्र सरकार से कराने की कोशिश हो रही है. 100 की जगह 200 मानवदिवस कार्य उपलब्ध कराने की भी केंद्र सरकार से मांग की जा रही है. इससे प्रवासी कामगारों को भी मिलेगा लाभ और ग्रामीणों को भी.

समुचित सिंचाई की व्यवस्था से फसलों के उत्पादन में होगी बढ़ोतरी : मिथिलेश ठाकुर

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि यह राज्य सरकार की अनूठी पहल है. इन तीन योजनाओं की शुरुआत से ग्रामीणों को काफी लाभ मिलेगा. नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना से खरीफ फसल में भी चौगुनी वृद्धि होगी. रबी, दलहन समेत सब्जियों की खेती में भी बढ़ोतरी होगी. इस अवसर पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

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