Jharkhand News: झारखंड की कांग्रेस विधायक ममता देवी (Mamata Devi Congress MLA News) को हजारीबाग व्यवहार न्यायालय स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट ने 5 साल की सजा सुना दी है. इसके साथ ही रामगढ़ की विधायक की विधानसभा की सदस्यता खत्म हो गयी है. सांसदों एवं विधायकों के खिलाफ चल रहे मुकदमे की स्पीडी ट्रायल के लिए गठित एमपी-एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को रामगढ़ की विधायक को आईपीएल गोलीकांड में दोषी करार देते हुए उन्हें 5 साल की सजा सुनायी है.
इतना ही नहीं, 5 साल की सजा के साथ-साथ उन पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा है. किसी भी सांसद या विधायक को अगर कोर्ट से किसी भी आपराधिक मामले में दो साल या उससे अधिक की सजा सुनायी जाती है, तो उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाती है. सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2013 में इसका प्रावधान किया था.
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सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की वजह से ममता देवी की विधानसभा की सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द हो गयी है. यानी अब वह विधायक नहीं रहेंगी. हालांकि, अगर ऊपरी अदालत यानी हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से बाद में उन्हें राहत मिल जाती है, तो उनकी सदस्यता स्वत: ही बहाल हो जायेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में ही इसका भी प्रावधान कर दिया था.
आपराधिक मामले में दोषी ठहराये जाने के बावजूद सांसदों, विधायकों को संरक्षण देने वाले कानूनी प्रावधान को निरस्त किये जाने के बाद कैद में रहते हुए किसी नेता को वोट देने का भी अधिकार नहीं रह जाता है. यहां तक कि वे चुनाव भी नहीं लड़ सकते. बता दें कि झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने वाले झारखंड कांग्रेस के विधायक बंधु तिर्की की भी सदस्यता इसी आधार पर जा चुकी है.
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रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड में इनलैंड पावर लिमिटेड (आईपीएल) में मजदूरों के शोषण के खिलाफ वर्ष 2016 में तत्कालीन जिला परिषद सदस्य ममता देवी ने आंदोलन की अगुवाई की थी. आईपीएल के गेट को सैकड़ों लोगों ने जाम कर दिया था. लोग उग्र हो गये और पथराव कर दिया. पुलिस को गोली चलानी पड़ी, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गयी. गोला के बीडीओ ने इस मामले में रजरप्पा थाना में ममता देवी व अन्य के खिलाफ केस दर्ज करवाया था. इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हुआ और ममता देवी समेत 13 लोगों को 5-5 साल की सजा हुई. 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.