रांची : राज्य के सरकारी स्कूलों में संचालित मिड डे मिल (मध्याह्न भोजन) योजना का सोशल ऑडिट (सामाजिक अंकेक्षण) फिर से शुरू होगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. कोविड संक्रमण के कारण वर्ष 2020-21 के अंकेक्षण का कार्य नहीं हो पाया था.
झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने वर्ष 2021-22 के सोशल ऑडिट के लिए स्कूलों के चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली है. सात हजार स्कूलों का चयन किया गया है. अब वर्ष 2021-22 के लिए इन स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के सोशल ऑडिट को लेकर वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया है. अप्रैल से इसकी प्रक्रिया शुरू होगी.
वर्ष 2020-21 में विद्यालयों में मध्याह्न भोजन नहीं दिया जा सका था. ऐसे में सोशल ऑडिट को लेकर तैयार किये गये प्रारूप में भी बदलाव किया गया है. सोशल ऑडिट में मध्याह्न भोजन के चावल व कुकिंग कास्ट की राशि के वितरण, वितरण की प्रक्रिया, स्कूलों में मध्याह्न भोजन बंद होने की स्थिति में बच्चों को स्वास्थ्य संबंधित समस्या का सामना तो नहीं करना पड़ा.
इसके अलावा अन्य बिंदुओं पर भी जानकारी ली जायेगी. विद्यालय स्तर पर सोशल ऑडिट में अगर पूरी प्रक्रिया का पालन ठीक पाया गया, तो प्रखंड स्तरीय सुनवाई नहीं होगी. विद्यालय स्तर पर विसंगति पाये जाने पर उसे तय समय के अंदर ठीक करने को कहा जायेगा. विद्यालय द्वारा निर्देश का अनुपालन नहीं करने पर प्रखंड स्तरीय सुनवाई होगी. इसके अलावा आवश्यकता के अनुरूप जिला व फिर राज्य स्तर पर सुनवाई की जाती है.
प्राधिकरण ने वर्ष 2020-21 में पांच हजार स्कूलों में अंकेक्षण का लक्ष्य रखा था, पर कोविड के कारण अंकेक्षण का कार्य पूरा नहीं हो सका था. प्रक्रिया को बीच में ही रोक दी गयी थी.
राज्य में मध्याह्न भोजन योजना के सोशल ऑडिट का कार्य वर्ष 2018-19 में शुरू हुआ था. तब 1298 स्कूलों में सोशल ऑडिट कार्य किया गया था. वर्ष 2019-20 में 4855 स्कूलों में सोशल ऑडिट हुआ था.
सोशल ऑडिट प्रावधान के अनुरूप मध्याह्न भोजन का संचालन नहीं होने पर संबंधित बीइइओ व प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई की जाती है. पिछले अंकेक्षण के आधार पर दर्जन भर से अधिक बीइइओ पर कार्रवाई की गयी थी.
Posted by: Sameer Oraon