Jharkhand Crime News: झारखंड के रांची जिले के इटकी प्रखंड में ग्रामीणों के चंगुल से पुलिस द्वारा मुक्त कराये गये लोहरदगा के पतरातू बगड़ू निवासी असजद मिर्धा को नाबालिग लड़की को भगाने के आरोप में शनिवार को जेल भेज दिया गया, जबकि मेडिकल जांच के बाद नाबालिग लड़की को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया. इधर, पुलिस पर पथराव करने वाले ग्रामीणों की पहचान कर गिरफ्तारी के लिए प्रयास तेज कर दिया गया है. एक तरफ जहां बीडीओ ने पुलिस पर पथराव करने वाले ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है, वहीं पीड़िता की नानी ने थाने में आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया.
नाबालिग को भगाने का आरोपी था बंधक
आपको बता दें कि नाबालिग लड़की को भगाने के आरोपी युवक असजद ने गांव की ही एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसला कर रांची जिले के इटकी थाना क्षेत्र के सुगदा गांव ले आया था. गांव में संदिग्ध अवस्था में घूम रहे युवक को ग्रामीणों ने शुक्रवार की रात बंधक बना लिया. इसकी सूचना पर गांव पहुंची पुलिस को ग्रामीणों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा. उग्र ग्रामीण बंधक बनाये गये युवक को छोड़ने को तैयार नही थे. ग्रामीण युवक को अपने स्तर पर सजा देने को तत्पर थे.
पुलिस पर उग्र लोगों ने किया पथराव
बीडीओ गौतम प्रसाद साहू व डीएसपी रजत माणिक बाखला के पहुंचने पर ग्रामीण और अधिक उग्र हो गये. उग्र ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर डाला. पथराव की घटना में थाना के हवलदार अरुण कुमार व आरक्षी वीर सिंह मुंडा चोटिल हो गये. पुलिस के काफी समझाने व रांची से पहुंची अतिरिक्त पुलिस बल की सहायता से बंधक बनाये गये युवक को पुलिस अपने संरक्षण में लेने में सफल रही.
दो प्राथमिकी दर्ज
इस घटना को लेकर बीडीओ गौतम प्रसाद साहू व नाबालिग लड़की की नानी द्वारा इटकी थाना में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. बीडीओ के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में 30-35 अज्ञात ग्रामीणों को पुलिस पर पथराव किये जाने का आरोपी बनाया गया है. नानी ने युवक असजद के विरुद्ध गलत नीयत से नाबालिग लड़की को भगाने का आरोप लगाकर मामला दर्ज कराया है.
रिपोर्ट: सुबोध सिन्हा