Jharkhand News: निर्दलीय विधायक सरयू राय ने चर्चित मैनहर्ट घोटाले (Manhart Scandal) की जांच के लिए झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. श्री राय ने हाइकोर्ट में क्रिमिनल रिट दायर कर पूरे मामले की जांच कराने की गुहार लगायी है. याचिका में राज्य सरकार और ACB को पार्टी बनाया गया है.
मेनहर्ट घोटाला की जाँच में आरोप सिद्ध हो जाने,मुख्य अभियुक्त सहित कई अभियुक्तों का जवाबी बयान आ जाने के बावजूद @HemantSorenJMM सरकार द्वारा आगे की कार्रवाई नहीं करने के विरूद्ध @roysaryu की ओर से झारखंड उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की गई है.याचिका पर सुनवाई की प्रतीक्षा है.
— Saryu Roy (@roysaryu) August 11, 2022
विधानसभा से दो महीने में कार्रवाई का मिला था आश्वासन
विधायक श्री राय ने कहा कि मैनहर्ट घोटाले की जांच में आरोप सिद्ध हो जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है. सरकार कार्रवाई की दिशा में आगे नहीं बढ़ रही है. इस मामले में आरोपियों द्वारा जवाबी बयान आने के बाद भी सरकार आगे की कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने कहा है कि अब इस मामले में कोर्ट के आदेश का इंतजार रहेगा. उन्होंने इस मामले को विधानसभा में भी उठाया था. विधानसभा में आश्वासन मिला था कि दो महीने में कार्रवाई होगी.
मैनहर्ट के चयन में घोर वित्तीय अनिमियतता बरती गयी
सदन में मंत्री ने बताया था कि आरोपी पक्ष का बयान लिया गया है. इस मामले में प्रक्रिया के अनुरूप कार्रवाई होगी, लेकिन विधानसभा में आश्वासन के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई. वहीं, सदन में सरकार द्वारा रखे गये ATR में कहा गया कि मैनहर्ट के चयन में कैबिनेट की स्वीकृति ली गयी थी. जिस विषय पर कैबिनेट की स्वीकृति हो, उसकी जांच की जा सकती है या नहीं. इस मामले में विधि परामर्श आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी. कहा कि सरकार सदन में कुछ कह रही है और एटीआर में कुछ और बातें आ रही है. इस मामले में सच्चाई सबके सामने है. मैनहर्ट के चयन में घोर वित्तीय अनिमियतता बरती गयी है.
21 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी धरातल पर नहीं उतरा काम
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2003 में हाइकोर्ट के आदेश के बाद राजधानी मेें सीवरेज-ड्रेनेज तैयार करने के लिए परामर्शी तय करने के लिए टेंडर हुआ था. वर्ष 2005 में परामर्शी बदल दिया गया. विधायक श्री राय का अरोप है कि 21 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी काम धरातल पर नहीं उतरा. उन्होंने कहा कि इस मामले को कई स्तर पर उठाया गया. पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी दी गयी.
आरोपियों को नोटिस दिया गया, जवाब का इंतजार
मैनहर्ट घोटाला की जांच कर रही एसीबी ने वर्ष 2021 मेें आरोपी पक्ष को नोटिस भेजा था. सदन में संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने बताया था कि एसीबी कार्यालय पहुंच कर नोटिस का जवाब देना है. इसमें कुछ आरोपियों ने एसीबी से संबंधित दस्तावेज दिखाने को कहा था.
Posted By: Samir Ranjan.