राज्य के मॉडल स्कूल (Model School of Jharkhand) के शिक्षकों का अब मानदेय तय होगा. शिक्षक को अब घंटी के आधार पर नहीं, बल्कि तय मानदेय देने की तैयारी की जा रही है. मानदेय कम होने व समय पर नहीं मिलने के कारण आधे से अधिक शिक्षकों ने नौकरी (Left Job) छोड़ दी है. इन तथ्यों को देखते हुए शिक्षकों को अब प्रति माह 18 हजार रुपये मानदेय देने की तैयारी की जा रही है. झारखंड शिक्षा परियोजना ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है. यह प्रस्ताव पिछले दिनों झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यकारिणी परिषद की बैठक में भी रखा गया था.
बैठक में निर्णय लिया गया कि मॉडल स्कूल का संचालन अब पूरी तरह राज्य सरकार द्वारा किया जाता है. अत: मानदेय का प्रस्ताव भी राज्य सरकार को भेजा जाये. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव पर शिक्षा विभाग जल्द विचार करेगा. शिक्षकों को प्रति घंटी 120 रुपये मिलता है. इसे अब प्रति माह 18 हजार करने का प्रस्ताव है. राज्य में 89 मॉडल स्कूल हैं.
इसमें अंग्रेजी माध्यम से छठी से लेकर 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है. इनमें नामांकन के लिए झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा प्रवेश परीक्षा ली जाती है. शुरुआत में केंद्र प्रायोजित योजना के तहत मॉडल स्कूल संचालित होते थे.
केंद्र सरकार ने देश भर में शैक्षणिक रूप से पिछड़े प्रखंड में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर मॉडल स्कूल खोलने की योजना शुरू की थी. प्रथम चरण में वर्ष 2011 में 40 तथा 2013 में 49 मॉडल स्कूल खोले गये. वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया. वर्ष 2014 में स्वीकृत विद्यालय भी नहीं खुल सके.
नियुक्ति काल से नहीं हुई है बढ़ोतरी : मॉडल स्कूल के शिक्षकों के मानदेय में नियुक्ति काल से ही बढ़ोतरी नहीं हुई है. शिक्षक काफी दिनों से मानदेय में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. विद्यालयों में लगभग आठ हजार विद्यार्थी पढ़ रहे हैं.
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Posted by: Pritish Sahay