Murder Case In Ranchi, Ranchi News, रांची : रांची जिले के ओरमांझी थाना क्षेत्र में युवती की हत्या के मामले में पुलिस शव की पहचान और आरोपियों के बारे में जानकारी एकत्र करने में अब तक फेल है. यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी पुलिस राजधानी में हत्या के कई ब्लाइंड केस को सुलझाने में असफल रही है. कुछ मामले तो ऐसे भी हैं, जिनमें पुलिस को जब अपराधियों के बारे में सुराग नहीं मिला, तब पुलिस ने केस बंद कर न्यायालय में फाइनल रिपोर्ट समर्पित कर दिया. हालांकि हाल के दिनों में राजधानी में पुलिस ने हत्या के कई ब्लाइंड केस को तकनीकी और मानवीय सूचना के आधार पर सुलझाने का भी काम किया है.
07 फरवरी 2020 : रातू थाना क्षेत्र के चटकपुर निवासी संजय झा के पुत्र पांच वर्षीय हिमांशु कुमार की अपहरण के बाद गला दबा कर हत्या कर दी गयी. उसका शव सोसो तालाब के किनारे स्थित झाड़ी से मिला. जादू-टोना और आपसी विवाद में हत्या की बात सामने आयी थी. एक व्यक्ति पर संदेह भी जाहिर किया गया था. केस के अनुसंधान के लिए एसआइटी गठित की गयी, लेकिन इस केस की पूरी गुत्थी पुलिस नहीं सुलझा सकी. क्योंकि, संदिग्ध ने पूछताछ में अपनी संलिप्तता की बात स्वीकार नहीं की. वहीं पुलिस को भी उसकी संलिप्तता के संबंध में कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले.
09 दिसंबर 2018 : डोरंडा थाना क्षेत्र के बड़ा घाघरा में अपराधियों ने अमित टोप्पो नामक युवक की गोली मार कर हत्या कर दी थी. वह पेशे से ओला कैब चालक था. केस अज्ञात के खिलाफ दर्ज हुआ था. इस केस में मामले में राज्य के विभिन्न इलाके के अलावा राज्य के बाहर भी छापेमारी की गयी, लेकिन पुलिस किसी आरोपी के खिलाफ साक्ष्य एकत्र कर उसे गिरफ्तारी नहीं कर सकी. इस वजह से इस हत्याकांड की गुत्थी अभी नहीं सुलझ सकी है.
07 जुलाई 2018 : लालपुर थाना क्षेत्र के लालपुर बाजार में शिव प्रसाद नामक युवक की हत्या कर दी गयी थी. केस अज्ञात के खिलाफ दर्ज हुआ. मृतक पेशे से शिक्षक थे. इस केस में भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला. मामले में कुछ लोगों से पूछताछ भी की गयी, लेकिन सुराग नहीं मिला. इस केस की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने पहले इनाम की राशि 50 रुपये देने घोषणा की. इसके बाद इसे बढ़ा कर पांच लाख कर दिया गया. इसके बावजूद पुलिस को अभी तक सफलता नहीं मिली.
14 फरवरी 2014 : बुंडू थाना क्षेत्र से पुलिस ने एक महिला का अधजला शव बरामद किया था. उसके साथ दुष्कर्म होने की भी बात सामने आयी थी, लेकिन इस केस में पुलिस ने चुटिया निवासी जीवित युवती (जो घर से लापता थी) की हत्या और दुष्कर्म के आरोप में पुलिस ने तीन निर्दोष युवकों को जेल भेज दिया. जब युवती के जीवित होने की जानकारी पुलिस को मिली, तब पुलिस ने अपनी गलती सुधारी और तीनों निर्दोष युवक जेल से बाहर निकले. लेकिन, जिस महिला का शव बरामद हुआ था, उसकी न तो पहचान हो सकी और न ही हत्यारों के बारे कुछ पता चला.
23 अप्रैल 2012 : अरगोड़ा थाना क्षेत्र के हरमू सहजानंद चौक के समीप एक विवाहिता की हत्या कर शव को फेंक दिया गया. मामले में हत्या से पहले सामूहिक दुष्कर्म की बात भी सामने आयी थी. मामले में अज्ञात के खिलाफ दर्ज हुआ. केस के अनुसंधान के दौरान पांच से सात संदिग्ध लोगों के बारे में पुलिस को जानकारी मिली, लेकिन पुलिस किसी की संलिप्तता के बारे साक्ष्य एकत्रित नहीं कर सकी. कुछ वर्षों तक केस का अनुसंधान करने के बाद इस केस में अपराधियों के बारे में सुराग नहीं मिलने की बात बता कर पुलिस ने केस का अनुसंधान बंद कर दिया.
Posted By : Guru Swarup Mishra