सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में बहुचर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव प्रकरण से जुड़े आठ वर्ष पुराने यौन उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना, जबरन धर्म परिवर्तन मामले में 30 सितंबर को फैसला सुनाया जायेगा. मामले में जारी बहस शनिवार को पूरी होने के बाद अदालत ने फैसले की तिथि निर्धारित की. अदालत ने कहा कि सीबीआइ के बहस पर यदि बचाव पक्ष को कुछ कहना है, तो 26 सितंबर को बहस लिखित रूप में दे सकता है. ट्रायल फेस कर रहा आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन, उसकी मां कौशल रानी व झारखंड हाइकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (निगरानी) मुश्ताक अहमद के मामले में फैसला आयेगा. सीबीआइ की ओर से 25 फरवरी को गवाही पूरी कर ली गयी थी. इसके बाद अदालत ने आरोपियों का बयान दर्ज किया. बयान दर्ज होने के बाद बचाव पक्ष की ओर से गवाही दर्ज करायी गयी. गवाही बंद होने के बाद मामले में बहस जारी थी, जो शनिवार को पूरी हो गयी. आरोपियों के खिलाफ तीन जुलाई 2018 को अदालत ने आरोप गठित किया था. सीबीआइ की ओर से 26 गवाहों का बयान कलमबद्ध कराया गया. सीबीआइ की ओर से हुई बहस के दौरान तारा शाहदेव द्वारा आरोपी पर लगाये गये आरोपों का समर्थन किया गया था.
वर्ष 2014 में हुई थी रकीबुल हसन व तारा शाहदेव की शादी
रंजीत सिंह कोहली व तारा शाहदेव का विवाह सात जुलाई 2014 को हुई थी. विवाह के बाद से ही तारा शाहदेव के साथ पति रकीबुल हसन द्वारा उत्पीड़न व मारपीट की घटनाएं होने लगी थी. धर्म छुपा कर विवाह करने, यौन उत्पीड़न, धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित करने का मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की थी. बाद में झारखंड हाइकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2015 में सीबीआइ ने मामले को टेकओवर करते हुए जांच शुरू की थी. जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ वर्ष 2018 में चार्जशीट दायर की गयी थी.
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