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Naukri 2021 : कल्याण गुरुकुल से हुनरमंद बने झारखंड के युवाओं को मिल रही नौकरी, हेमंत सोरेन सरकार की रोजगार देने को लेकर है ये तैयारी

Naukri 2021, Jharkhand News, रांची न्यूज : झारखंड के दुमका स्थित धम्नीलता निवासी बंघाली पुजहर अपने परिवार के साथ अभावों के बीच जीवन गुजार रहा था. उसके परिवार की वार्षिक आय मात्र 25 हजार रूपये थी. जमीन भी बेहद कम थी. परिवार की जरूरतें किसी तरह पूरी हो रही थीं. हाईस्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद बंघाली ने परिवार की जिम्मेदारी के कारण स्कूल छोड़ दिया था. इस बीच उसे 2014 में तत्कालीन और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा शुरू किये गये कौशल विकास कार्यक्रम और कल्याण गुरुकुल के संबंध में जानकारी मिली. प्रशिक्षण के बाद बंगाली का जीवन ही बदल गया. आज वह नोएडा में अच्छी आय पर काम कर रहा है और परिवार खुशहाल है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार झारखंड के युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य में हुनरमंद मानव संसाधन तैयार करने के लिए आवश्यक उपाय किये जा रहे हैं. 

Naukri 2021, Jharkhand News, रांची न्यूज : झारखंड के दुमका स्थित धम्नीलता निवासी बंघाली पुजहर अपने परिवार के साथ अभावों के बीच जीवन गुजार रहा था. उसके परिवार की वार्षिक आय मात्र 25 हजार रूपये थी. जमीन भी बेहद कम थी. परिवार की जरूरतें किसी तरह पूरी हो रही थीं. हाईस्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद बंघाली ने परिवार की जिम्मेदारी के कारण स्कूल छोड़ दिया था. इस बीच उसे 2014 में तत्कालीन और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा शुरू किये गये कौशल विकास कार्यक्रम और कल्याण गुरुकुल के संबंध में जानकारी मिली. प्रशिक्षण के बाद बंगाली का जीवन ही बदल गया. आज वह नोएडा में अच्छी आय पर काम कर रहा है और परिवार खुशहाल है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार झारखंड के युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य में हुनरमंद मानव संसाधन तैयार करने के लिए आवश्यक उपाय किये जा रहे हैं.

बंघाली को जानकारी मिली कि गुरूकुल में अलग-अलग क्षेत्रों में प्रशिक्षण और प्रशिक्षण के बाद अलग-अलग कंपनियों में निश्चित रूप से काम मिलता है. उसने गुरूकुल में दाखिला लेकर हेवी मशीनरी ऑपरेशन में महारत हासिल की और आज वह नोएडा में अच्छी आय पर काम कर रहा है. अब वह अपने परिवार के पालन-पोषण के साथ छोटे भाई की पढ़ाई का खर्च भी वहन कर रहा है. बंघाली का परिवार इन दिनों खुश है. खुशहाली इस परिवार के हर सदस्य के चेहरे पर दिखती है. वह अब कुशल कामगार के रूप में विदेश जाना चाहता है. झारखंड सरकार के कल्याण विभाग की महत्वाकांक्षी कल्याण-गुरूकुल योजना झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक तस्वीर बदल रही है. बंघाली जैसे कुशल युवा कल्याण गुरूकुल के जरिये अपने परिवार की तस्वीर तो बदल ही रहे हैं, साथ ही अन्य युवाओं को भी कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.

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झारखंड के युवाओं खासकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. युवाओं को स्किल डेवलपमेंट और उनके शत प्रतिशत प्लेसमेंट के लिए झारखंड सरकार पूरे राज्य में कल्याण गुरूकुल प्रोजेक्ट के तहत युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने की महत्वाकांक्षी योजना को क्रियान्वित कर रही है. इस योजना के सफलतापूर्वक संचालन के लिए पैन आईआईटी अलुमिनी रीच फॉर इंडिया से कल्याण विभाग ने समझौता किया है. वर्तमान में कल्याण-गुरूकुल के 28 केंद्र चल रहे हैं. शीघ्र ही इसका विस्तार प्रदेश के साहिबगंज और लोहरदगा में भी होगा. आज कल्याण विभाग (झारखंड सरकार) और पैन आईआईटी एलुमिनी रीच फॉर इंडिया फाउंडेशन द्वारा 23 ई  गुरुकुल, आठ नर्सिंग कॉलेज और एक कैलिनरी एंड मैन्युफैक्चरिंग आईटीआई कॉलेज का संचालन भी किया जा रहा है.

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कल्याण गुरूकुल केन्द्रों पर अलग-अलग ट्रेड में जैसे इलेक्ट्रिकल, कंस्ट्रक्शन, लॉजिस्टिक्स, ड्राइविंग, टेक्सटाइल्स आदि में युवाओं और युवतियों को हुनरमंद बनाया जाता है. कौशल प्रशिक्षण के बाद हुनरमंद युवाओं को शत-प्रतिशत प्लेसमेंट दी जाती है. देश और विदेश की कई कंपनियों में झारखंड के हुनरमंद युवा नौकरी कर और अपने- अपने परिवारों का जीवन स्तर बेहतर बना रहे हैं. कल्याण गुरूकुल केन्द्रों से वर्ष 2021–22 में करीब आठ हजार से अधिक कुशल मानव संसाधन की मांग की गई है. इसके लिए युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाएगा और आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद पास आउट के दिन ही नियुक्ति पत्र सौंपकर पूर्व की तरह ही नौकरी दी जायेगी.

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वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान सात हजार से अधिक युवाओं ने कल्याण गुरुकुलों में प्रशिक्षण प्राप्त किया था. जिसमें से 2 हजार 332 युवा अल्पसंख्यक वर्ग से, 3 हजार 542 अनुसूचित जनजाति से, 226 अनुसूचित जाति से, 1 हजार 19 ओबीसी से और 75 अन्य श्रेणियों से थे. कुल मिलाकर 5 हजार 576 झारखंड के युवाओं को देश के विभिन्न संस्थानों में रखा गया है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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