भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के झारखंड में रीजनल कमेटी मेंबर इंदल गंझू ने सरेंडर कर दिया. हालांकि, पुलिस ने अभी इसकी आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं की है. जानकारी के अनुसार, झारखंड पुलिस की एक टीम ने इंदल से संगठन में शामिल नक्सलियों, हथियार और संगठन को सहायता पहुंचानेवाले लोगों के बारे में पूछताछ शुरू कर दी है.
झारखंड के विभिन्न जिलों को थाने में नक्सली इंदल गंझू के खिलाफ 100 से अधिक केस दर्ज है. पुलिस उसके खिलाफ दर्ज सभी केस की जानकारी भी इकट्ठा कर रही है. जल्द ही झारखंड पुलिस के अधिकारी उसके सरेंडर करने के संबंध में विधिवत घोषणा कर सकते हैं.
इंदल गंझू का पूरा नाम इंदल उर्फ उमा उर्फ इंदल है. उसके पिता का नाम हरिहर भोक्ता है. वह गया के इमामगंज थाना क्षेत्र के असरैना गांव का रहनेवाला है. उसके खिलाफ झारखंड में करीब 100 केस दर्ज हैं. नक्सल प्रभावित जिलों के एसपी को उसके खिलाफ दर्ज मामले का सत्यापन करने को कहा गया है.
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मालूम हो कि चतरा के लावालौंग थाना क्षेत्र में हाल में मारे गये पांच हार्डकोर नक्सलियों की टीम के साथ इंदल भी था. मुठभेड़ के बाद वह पटना भाग गया था. पटना में ही रहने दौरान उसने पुलिस से संपर्क किया और सरेंडर करने की इच्छा जाहिर की. इसके बाद पटना से वापस आकर उसने झारखंड पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.
बता दें कि चतरा के इसी घटना को लेकर ही भाकपा माओवादी नक्सली संगठन ने झारखंड-बिहार बंद किया है. चतरा के लावालौंग में मुठभेड़ के दौरान पांच नक्सलियों के मारे जाने के विरोध में भाकपा माओवादी संगठन ने 14 और 15 अप्रैल को पश्चिमी झारखंड और दक्षिणी बिहार बंद किया है.
आज नक्सलियों के बंद का दूसरा दिन है. वहीं, नक्सल बंदी के पहले दिन ही संगठन के इनामी नक्सली इंदल गंझू ने सरेंडर कर दिया. झारखंड में इस बंदी का असर चतरा, लोहरदगा, लातेहार और गुमला जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में देखने मिला. लंबी दूरी के वाहनों का परिचालन ठप है. माओवादी बंदी को लेकर पुलिस सक्रिय रही और दिनभर गश्त लगाती रही. चौक चौराहे पर पुलिस अलर्ट दिखी. वहीं, रेलवे हाई अलर्ट पर है.
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