रांची : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) के करीबियों के शेल कंपनियों में निवेश मामले में झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के विरुद्ध दायर स्पेशल लीव पिटिशन एसएलपी पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय की ओर से बताया गया है कि उनके वरीय अधिवक्ता व सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता की तबीयत खराब है. इसलिए उन्हें समय दिया जाए. आग्रह को स्वीकार करते हुए जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट्ट व जस्टिस सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 4 अगस्त की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल और झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन तथा हेमंत सोरेन की ओर से वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने पक्ष रखा.
सुनवाई के लिए सूचीबद्ध
मालूम हो कि 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की ओर से आश्वासन मिलने के बाद भी मामले को सूचीबद्ध नहीं किया गया. पीठ ने कहा कि हम 28 जुलाई को इस मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हैं. सुनवाई न्यायाधीश यूयू ललित, न्यायाधीश एस रवींद्र भट्ट और न्यायाधीश सुधांशू धुलिया की पीठ करेगी.
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राज्य सरकार न फैसले को दी थी चुनौती
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राज सरकार ने एसएलपी दायर कर झारखंड हाईकोर्ट के 3 जून, 2022 के फैसले को चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने शिव शंकर शर्मा द्वारा मुख्यमंत्री के करीबियों के शेल कंपनियों में निवेश एवं अनगड़ा में माइनिंग लीज आवंटन मामले में दायर जनहित याचिकाओं को मेंटेनेबल माना था. साथ ही इसकी मेरिट पर सुनवाई करने का निर्णय लिया था. इधर, हाइकोर्ट सीएम के करीबियों के शेल कंपनियों में निवेश व माइनिंग लीज आवंटन मामले में प्रार्थी शिव शंकर शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिकाओं की मेरिट पर 29 जुलाई को सुनवाई करेगी.
रिपोर्ट : राणा प्रताप, रांची.