Kadaknath Murga, Jharkhand News, Jhabua: रांची : मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल जिला झाबुआ के मशहूर कड़कनाथ मुर्गा की देश के अलग-अलग भागों में भले काफी डिमांड हो, लेकिन झारखंड में इसकी मांग कोरोना काल में भी नहीं बढ़ी. राजधानी रांची में 5 साल से कड़कनाथ उपलब्ध है, पर चिकन के शौकीनों को इसका स्वाद नहीं भाता. यही वजह है कि इसके खरीदार उतने नहीं बढ़े, जितनी इसकी देश भर में चर्चा है.
झाबुआ के कृषि विज्ञान केंद्र की मानें, तो देश भर के कुक्कुट पालन करने वाले लोग कड़कनाथ चूजे खरीद रहे हैं. मध्य प्रदेश सरकार ने इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए पोल्ट्री फार्म मालिकों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए इसके उत्पादन और बिक्री को बढ़ाने की योजना बनायी है. इस नस्ल के मुर्गे का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए को-ऑपरेटिव (सहकारी) फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है.
झाबुआ, अलीराजपुर, बडवानी और धार जिलों के पंजीकृत पोल्ट्री फार्मों में ऐसे कुल 300 सदस्य हैं, जो कड़कनाथ मुर्गा पालते हैं. कोरोना काल में इनके पास भी चूजों की डिमांड पहुंच रही है. कहा जा रहा है कि कड़कनाथ मुर्गा का मांस प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और यह कोरोना के संक्रमण से बचाने में कारगर है. हालांकि, अब तक इस संबंध में कोई वैज्ञानिक अध्ययन नहीं हुआ है.
हां, इस खास किस्म के चिकन में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है. इसमें फैट (वसा) और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अन्य मुर्गों की तुलना में कम होती है. इसलिए दिल के रोगियों के साथ-साथ कई अन्य गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोग यदि इसे खाते हैं, तो उन्हें कोई नुकसान नहीं होता. बहरहाल, देश की राजधानी दिल्ली में इस नस्ल के एक मुर्गे की कीमत करीब 850 रुपये है. वहीं, रांची में यह अलग-अलग मार्केट में अलग-अलग रेट में बिक रहा है.
राजधानी रांची में काले रंग का कड़कनाथ मुर्गा खुदरा बाजार में 500 रुपये में मिल जाता है. हालांकि, दाम फिक्स नहीं होने की वजह से इसकी बिक्री करने वाले लोग ग्राहक की जरूरत के हिसाब से इसकी कीमत तय कर देते हैं. कड़कनाथ की बिक्री करने वाले एक दुकानदार ने बताया कि थोक में 350 रुपये किलो, तो रिटेल में यह 500 रुपये प्रति किलो की दर से रांची में उपलब्ध है.
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वहीं, चिकन के एक शौकीन ने बताया कि उन्होंने 800 रुपये प्रति किलो की दर से इसे खरीदा, लेकिन पूरा पैसा बर्बाद हो गया. उल्लेखनीय है कि काले रंग के इस मुर्गे की खासियत यह है कि इसका खून और मांस भी काला होता है. इसकी त्वचा का रंग भी काला ही होता है. इसके मांस को इम्युनिटी बूस्ट करने वाला माना जाता है. इतना ही नहीं कम वसा और ज्यादा प्रोटीन होन की वजह से हृदय, श्वास और एनेमिक बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए भी इसका मांस फायदेमंद माना जाता है.
Posted By : Mithilesh Jha