रांची, राणा प्रताप : सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सुपीरियर ज्यूडिशियल सर्विस के तहत आयोजित जिला जज प्रतियोगिता परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया. जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ ने झारखंड सरकार व झारखंड हाइकोर्ट को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने को कहा. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह के बाद होगी. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने पक्ष रखते हुए बताया कि सभी प्रार्थी मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार में उत्तीर्ण पाये गये हैं. इसके बावजूद हाइकोर्ट द्वारा नियमों की अनदेखी कर उन्हें नियुक्त नही किया जा रहा है. श्री दवे ने कहा कि ऐसा किया जाना स्पष्ट व प्रत्यक्ष रूप से नियुक्ति नियमावली-2001 के नियम-22 का घोर उल्लंघन है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सुशील कुमार पांडेय व अन्य की ओर से रिट याचिका दायर कर जिला जज नियुक्त परीक्षा-2022 के रिजल्ट को चुनाैती दी गयी है.
23 मार्च 2023 को रजिस्ट्रार जनरल ने निकाला रिजल्ट
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मोहम्मद शाकिर के हस्ताक्षर से 23 मार्च 2023 को जिला जज नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित किया गया, जिसमें 22 पदों के विरुद्ध 13 अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से सफल घोषित किया गया. नाै पद खाली रह गये. अभ्यर्थियों ने बताया कि नियम के अनुसार, अभ्यर्थी को चयन के लिए साक्षात्कार में 30% अंक लाने की आवश्यकता थी. बाद में साक्षात्कार में 50% अंक लाने का मापदंड तय कर दिया गया.
अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार में प्राप्त अंक को उजागर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई 2023 को आदेश पारित कर कहा था कि प्रार्थियों के साक्षात्कार का अंक बताया जाये. साक्षात्कार के अंक की जानकारी मिलने के बाद सुशील कुमार पांडेय व अन्य की ओर से पुन: सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रिजल्ट निकालने की मांग की गयी है.
यह है मामला
झारखंड हाइकोर्ट ने जिला जज के 22 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए वर्ष 2022 में विज्ञापन प्रकाशित किया था. सितंबर 2022 में मुख्य परीक्षा का आयोजन किया गया, जिसमें देश भर के लगभग 2000 अभ्यर्थी शामिल हुए. मुख्य परीक्षा में 66 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था. इन अभ्यर्थियों को 12, 13 व 14 मार्च 2023 को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था.