Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े माइनिंग लीज मामले की सुनवाई गुरुवार को दिल्ली के भारत निर्वाचन आयोग में हुई. इस दौरान दुमका से विधायक व सीएम के भाई बसंत सोरेन से जुड़े मामले में भी सुनवाई हुई. भारत निर्वाचन आयोग में सीएम हेमंत सोरेन मामले में 8 अगस्त को सुनवाई होगी, जबकि बसंत सोरेन मामले में अब 12 अगस्त को सुनवाई की जायेगी. आपको बता दें कि ऑफिस ऑफ प्रोफिट का मामला बताते हुए बीजेपी ने हेमंत सोरेन व बसंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग की है.
बीजेपी ने बताया ऑफिस ऑफ प्रोफिट का मामला
आपको बता दें कि ऑफिस ऑफ प्रोफिट का मामला बताते हुए बीजेपी ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग की है. इसके बाद राज्यपाल द्वारा रांची के अनगड़ा खदान मामले में निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा गया था. इस आलोक में दो मई 2022 को निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस कर जवाब मांगा था. पूर्व में जवाब 10 मई तक दाखिल करना था, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा अपनी माता के इलाज में व्यस्त रहने की बात कह कर चार सप्ताह का समय मांगा गया था. तब निर्वाचन आयोग की ओर से 20 मई तक जवाब देने का समय दिया गया था. ठीक 20 मई को हेमंत सोरेन ने जवाब भेजा था. इसके बाद से भारत निर्वाचन आयोग में सुनवाई जारी है.
बसंत सोरेन पर भाजपा का आरोप
भाजपा नेताओं ने राज्यपाल के माध्यम से दुमका विधायक बसंत सोरेन को अयोग्य घोषित करने की मांग चुनाव आयोग से की है. राज्यपाल को सौंपे गये शिकायती पत्र में कहा गया था कि पश्चिम बंगाल की कंपनी चंद्रा स्टोन के मालिक दिनेश कुमार सिंह के बसंत सोरेन बिजनेस पार्टनर हैं. दूसरी ओर बसंत सोरेन पार्टनरशिप में मेसर्स ग्रैंड माइनिंग नामक कंपनी भी चलाते हैं. विधायक रहते हुए काम करते हैं. इसलिए 9(ए) के तहत ऑफिस ऑफ प्रोफिट का मामला बनता है. इनकी सदस्यता रद्द की जाये.
रिपोर्ट : सुनील चौधरी, रांची