रांची : झारखंड के निजी स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों के अभिभावकों को स्कूल खुलने तक केवल ट्यूशन फीस देनी होगी. जब तक स्कूल नहीं खुलेंगे, तब तक स्कूल प्रबंधन न तो अन्य मद में कोई फीस लेंगे और न ही इसमें किसी तरह की वृद्धि करेंगे. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने गुरुवार को इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है. विभाग द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि सरकार के निर्देश का पालन नहीं करनेवाले स्कूलों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
साथ ही उनकी संबद्धता के लिए सरकार द्वारा जारी एनओसी रद्द किया जा सकता है. जानकारी के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान स्कूलों द्वारा वसूली जानेवाली फीस को लेकर विभागीय मंत्री जगरनाथ महतो ने स्कूल प्रबंधन के प्रतिनिधियों और अभिभावक संघ के प्रतिनिधियों से वार्ता की थी. उन्होंने दाेनों पक्षों की बात सुनी. स्कूल प्रबंधन ने कहा था कि स्कूल संचालन के लिए पैसे की आवश्यकता होती है, इसलिए फीस लेने की अनुमति मिले.
सरकार का निर्देश नहीं माननेवाले स्कूलों पर की जायेगी कार्रवाई
स्कूलों के लिए दिशा-निर्देश
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स्कूल सत्र 2020-21 के लिए विद्यालय शुल्क में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं करेंगे
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स्कूलों के शुरू होने से पहले केवल ट्यूशन फीस मासिक दर के आधार पर ली जायेगी
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ट्यूशन फीस जमा नहीं करने के कारण किसी विद्यार्थी का नामांकन रद्द नहीं किया जायेगा
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ट्यूशन फीस जमा नहीं करनेवाले विद्यार्थी को ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित नहीं कर सकते
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स्कूल बंद रहने की अवधि तक वार्षिक शुल्क, बस भाड़ा या अन्य शुल्क नहीं लिये जायेंगे
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स्कूल खुलने के बाद समानुपातिक आधार पर वार्षिक शुल्क, बस भाड़ा या अन्य शुल्क लिये जायेंगे
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किसी भी परिस्थिति में अभिभावक से विलंब शुल्क नहीं लिया जायेगा
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स्कूल के शिक्षक व कर्मचारी के वेतन में किसी प्रकार की कटौती या रोक नहीं लगायी जायेगी
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स्कूल प्रबंधन फीस के लिए कोई नया मद सृजित कर अभिभावक पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव नहीं बनायेगा
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स्कूल के सभी विद्यार्थियों को बिना भेदभाव के ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था के लिए आइडी, पासवर्ड तथा ऑनलाइन शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने की पूरी जिम्मेदारी विद्यालय प्रमुख की होगी
Post by : Pritish Sahay