रांची : झारखंड विधानसभा में मॉनसून सत्र (Monsoon session Jharkhand Vidhan Sabha) के दूसरे दिन सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू दिया. सहायक पुलिसकर्मियों पर हुए लाठीचार्ज के मामले पर भाजपा नेताओं ने हंगामा किया. भाजपा विधायक अमर बाउरी की ओर से कार्यस्थगन का प्रस्ताव लाया गया, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने अमान्य करार दिया. इसके बाद सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी बात रखी. श्री सोरेन ने कहा : सहायक पुलिसकर्मियों को समझाने के लिए सरकार के प्रतिनिधि वहां पहुंचते हैं, लेकिन उनके जाने के बाद मोरहाबादी मैदान में विपक्ष के नेता मंडराने लगते हैं और उन्हें उकसाने की कोशिश करते हैं.
उन्होंने कहा कि सहायक पुलिसकर्मियों में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है. सरकार ने कोई कानूनी कार्रवाई इनके खिलाफ नहीं की है. सरकार हठधर्मिता और गलत चीजों पर मौन नहीं रह सकती. सहायक पुलिसकर्मियों के प्रति सरकार की सोच सकारात्मक है. श्री सोरेन ने कहा कि सहायक पुलिसकर्मियों और शिक्षकों के मुद्दे पर वर्तमान सरकार या विधानसभा को नहीं, बल्कि पिछली सरकार के मंत्रियों का घर घेरने की जरूरत है. वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने सहायक पुलिसकर्मियों की नियुक्ति को लेकर पूर्ववर्ती सरकार की ओर से लागू की गयी नियमावली को पढ़ कर बताया. कहा गया कि इसमें सहायक पुलिसकर्मियों के स्थायीकरण का कहीं उल्लेख नहीं है.
केंद्र की हिटलरशाही : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र की हिटलरशाही अब तक रुकी नहीं है. केंद्र सरकार की ओर से फिर पत्र आया है कि यदि डीवीसी के बकाये का भुगतान नहीं किया गया, तो केंद्र की ओर से मिलनेवाले कंपनसेशन से ही यह राशि काट ली जायेगी. ऐसी भारी गलती 2017 में केंद्र सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के बीच हुए समझौते के तहत की गयी. उस गलती को मौजूदा सरकार के मत्थे मढ़ा जा रहा है. श्री सोरेन ने कहा कि सरकार हर स्तर पर अपने अधिकार की लड़ाई लड़ेगी.
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सरकार हठधर्मिता और गलत चीजों पर मौन नहीं रह सकती
Post by : Pritish Sahay