Ormanjhi Park: कड़ाके की ठंड (cold winter in jharkhand) को देखते हुए झारखंड के रांची जिले के ओरमांझी स्थित चकला के भगवान बिरसा जैविक उद्यान यानी ओरमांझी पार्क (Ormanjhi Park Ranchi) में वन्य प्राणियों की सुरक्षा व ठंड से बचाव के लिए मुकम्मल व्यवस्था की गयी है. हाथी को ठंड से बचाने के लिए बाड़ा के पास अलाव की व्यवस्था की गयी है, जबकि रात में शेड में बैठने के लिए पुआल बिछाया गया है. बाघ, शेर, तेंदुआ, भालू के रात्रि विश्राम शेड में रूम हीटर की व्यवस्था की गयी है. सांप घर में सांपों की सुरक्षा के लिए केबिन में कंबल, गद्दा, रूम हीटर लगाया गया है. घड़ियाल और मगरमच्छ रोजाना नाद से बाहर निकल कर दिन में धूप ले रहे हैं. आपको बता दें कि उद्यान में कुल 86 प्रजाति के 1498 वन्य प्राणी हैं. जिसमें स्तन धारी, सरीसृप व पक्षी भी शामिल हैं.
हाथियों को भोजन के साथ खाने में प्रोटीन व विटामिन दिया जा रहा है. हिरण, नील गाय, कृष्ण मृग, चीतल, सांभर इत्यादि को नियमित आहार में (कुटी व चोकर) के अलावा ठंड से बचाव के लिए मिनरल मिक्सचर दिया जा रहा है. उद्यान के हिमालयन भालू व देशी भालू को भी नियमित आहार में दूध, केला, सेव के अलावा मल्टी विटामिन्स व शहद दिया जा रहा है. बाघ, शेर, तेंदुआ व अन्य मांसाहारी वन्य प्राणियों को मल्टी विटामिन्स व कैल्शियम के अलावा अंडा भी दिया जा रहा है. इसी तरह शुतुरमुर्ग, एमू, रंगीन मोर, सफेद मोर, तोता, मैना व विभिन्न प्रकार के तीतर प्रजाति को नियमित आहार के अलावा मल्टी विटामिन्स व कैल्शियम का चूर्ण दिया जा रहा है. ठंड से बचाव को लेकर बाड़ों में पुआल बिछाया गया है. इसके साथ ही सभी केजों को चटाई देकर घेरा गया है.
Also Read: Jharkhand News: नये साल में पिकनिक मनाने आइए पंपापुर,पर्यटकों का मन मोहते हैं सुग्रीव गुफा व गोबर सिल्ली पहाड़बाघ, शेर तेंदुआ, भालू के रात्रि विश्राम शेड में रूम हीटर की व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा सभी खिड़कियों व ग्रिल इत्यादि में जूट का पर्दा लगाया गया है. जिससे गर्म हवा जानवरों के आवासों में बनी रहे. इसी तरह हिप्पो को भी नियमित आहार कुटी, चोकर, आलू, पका हुआ केला के अलावा विटामिन्स दिया जा रहा है. उद्यान के निदेशक जब्बर सिंह ने कहा कि उद्यान में रह रहे वन्य जीवों को जाड़े में बचाव के लिए मुकम्मल व्यवस्था की गयी है. जानवरों व पशु पक्षियों को भोजन, स्वास्थ्य सुविधा में कमी नहीं होने दी जायेगी.
Also Read: 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद प्रभुदान हेमरोम का परिवार है उपेक्षित, इंदिरा गांधी ने दिया था संवेदना पत्रउद्यान के डॉ ओपी साहु ने बताया कि वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए जो बच्चा देने वाली मादा प्रजाति के भालू हैं, उन्हें अलग नर्सरी में रख कर एक पशु पालक को तैनात किया गया है. इसके अलावा सभी प्रकार की अनुकूल व्यवस्था की गई है. सांप, घड़ियाल, मगरमच्छ, मॉनिटर लिजर्ड यह सभी कोल्ड ब्लडेड एनिमल हैं. इनके लिए सूर्य की रोशनी लेने के लिए बाड़ों में नाद के बाहर बालू की व्यवस्था की गयी है, जहां घड़ियाल और मगरमच्छ प्रत्येक दिन नाद से बाहर निकल कर दिन में धूप ले रहे हैं.
Also Read: Jharkhand News: गंगा के कटाव से दहशत में ग्रामीण, साहिबगंज के शोभापुर गांव में गंगा में समा गयी 100 फीट जमीनसांप घर में सांपों की सुरक्षा के लिए केबिन में कंबल, गद्दा, रूम हीटर लगाया गया है. सांप घर को दर्शकों के लिए फरवरी माह तक के लिए बंद रखा गया है. सांप घर के प्रत्येक केबिन में पीछे से रूम हीटर, अंदर से पुआल का गद्दा, कंबल और पीले बल्ब की रोशनी से गर्म परछाई दी जा रही है, ताकि ठंड का असर ना पड़े. जंतुओं के लिए प्रोटीनयुक्त घास वार्षिम करीब दस एकड़ भूमि पर लगाया गया है. इससे जंतुओं को प्रोटीन युक्त भोजन मिलेगा. आपको बता दें कि उद्यान में कुल 86 प्रजाति के 1498 वन्य प्राणी हैं. जिसमें स्तन धारी, सरीसृप व पक्षी भी शामिल हैं.
रिपोर्ट: रोहित लाल