झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में अंतत: पंचायत सचिव व निम्नवर्गीय लिपिक (विभिन्न समाहरणालय संवर्ग) के पदों पर 2209 अभ्यर्थी सफल हुए हैं. इसमें पंचायत सचिव पद के 1542 और निम्न वर्गीय लिपिक के 667 अभ्यर्थी शामिल हैं. इन अभ्यर्थियों से जेएसएससी द्वारा जिला का विकल्प मांगा जायेगा. आयोग के परीक्षा नियंत्रक द्वारा शनिवार को सूचना जारी की गयी है. इसमें कहा गया है कि इंटरमीडिएट स्तर संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2017 के पंचायत सचिव व निम्न वर्गीय (समाहरणालय संवर्ग) के अल्पसूचीबद्ध अभ्यर्थियों से जिला का विकल्प प्राप्त करना है. इस संबंध में आयोग अलग से सूचना जारी करेगा. जिला का विकल्प संसूचित नहीं करने अथवा रिजर्व कैटेगरी के अभ्यर्थी, जिन्हे मेरिट के आधार पर सामान्य वर्ग में रखा गया है, को जिला आवंटन के क्रम में मेरिट व जिला के आधार पर जिला आवंटित किये जाने से अंतिम परिणाम में परिवर्तन संभव है.
जेएसएससी ने वर्ष 2017 में इंटर स्तरीय 3088 पदों पर नियुक्ति के लिए जेएसएससी ने चयन की प्रक्रिया शुरू की थी. सितंबर 2019 में लगभग 5000 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया गया था. तब से अभ्यर्थी अंतिम मेधा सूची व रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे.
प्रमाण पत्रों के सत्यापन के बाद जेएसएससी द्वारा रिजल्ट का प्रकाशन नहीं करने पर अभ्यर्थियों ने झारखंड हाइकोर्ट में रिट याचिका दायर की थी. हाइकोर्ट ने जेएसएससी को आठ सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया था. फिर नियोजन नीति को लेकर सोनी कुमारी द्वारा दायर मामले में हाइकोर्ट का आदेश आने के बाद भी रिजल्ट नहीं निकाला गया. इसके बाद अभ्यर्थियों ने हाइकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की. जेएसएससी ने रिजल्ट निकालने को लेकर राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा था. बाद में सोनी कुमारी के मामले में हाइकोर्ट द्वारा पारित आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनाैती दी गयी. अंतत: सुप्रीम कोर्ट ने अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया. इस प्रक्रिया में छह साल बीत गये.
सैकड़ों पदों के रिक्त रह जाने के कारण जेएसएससी द्वारा द्वितीय चरण की काैशल जांच परीक्षा फरवरी में आयोजित करने का निर्णय लिया है. इसके लिए 1221 अभ्यर्थियों को सूचीबद्ध किया गया है. इसमें टंकण जांच परीक्षण के लिए 940, कंप्यूटर योग्यता व चालन परीक्षण के लिए 214 व हिंदी टंकण व आशुलेखन परीक्षण के लिए 67 अभ्यर्थियों को सूचीबद्ध किया गया है, जो द्वितीय चरण के काैशल जांच परीक्षा में शामिल होंगे. इसके अलावा 38 वैसे अभ्यर्थियों को आठ फरवरी को आयोग के नामकुम स्थित कार्यालय में प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए बुलाया गया है, जो पूर्व में सत्यापन के समय प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाये थे.