Jharkhand News: झारखंड पंचायत सचिव व निम्न वर्गीयलिपिक प्रतियोगिता परीक्षा-2017 के सैकड़ों अभ्यर्थी रिजल्ट व नियुक्ति की मांग को लेकर 38 दिनों से आंदोलनरत हैं. राजभवन के समक्ष पंचायत सचिव अभ्यर्थियों के धरने का शनिवार को 38वां दिन था. राज्य सरकार के मंत्रियों ने नियुक्ति के मुद्दे पर सकारात्मक आश्वासन दिया, लेकिन वह आश्वासन अब तक धरातल पर नहीं उतर पाया है. अभ्यर्थियों ने 24 फरवरी को कैबिनेट की बैठक के बाहर मानव शृंखला बनायी थी. उस वक्त मंत्री आलमगीर आलम व बादल पत्रलेख ने अन्य मंत्रियों से बात कर मुख्यमंत्री से भी नियुक्ति के बारे में बात करने की हामी भरी थी. अब 3 मार्च को ये सपरिवार विधानसभा का घेराव करेंगे.
झारखंड पंचायत सचिव व निम्न वर्गीयलिपिक प्रतियोगिता परीक्षा-2017 के अभ्यर्थियों का कहना था कि ऐसा लगता है कि अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन होने के बावजूद सरकार और आयोग के रवैया के कारण अब तक रिजल्ट का प्रकाशन नहीं किया गया है. अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.
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अभ्यर्थियों ने बताया कि मई 2017 में आयोग ने 3088 पदों पर नियुक्ति के लिए पंचायत सचिव तथा निम्नवर्गीय लिपिक का विज्ञापन प्रकाशित किया था. विज्ञापन में दो तरह के नियम थे. एक तरफ 13 अनुसूचित जिले जिसे वहीं के स्थानीय निवासी के लिए शत प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था, जबकि दूसरी तरफ 11 गैर अनुसूचित जिले व राज्य स्तरीय पदों के लिए पूरे भारत के निवासी फॉर्म भरने के लिए पात्र माने गये थे. लिखित परीक्षा 2018 के जनवरी-फरवरी माह में विभिन्न तिथियों में आयोजित की गयी थी. लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण वैसे सभी अभ्यर्थियों का कंप्यूटर ज्ञान एवं हिंदी टंकण परीक्षा लिया गया था. इसमें उत्तीर्ण 4948 अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन सितंबर 2019 में किया गया था. रिजल्ट प्रकाशन के लिए अभ्यर्थियों ने झारखंड हाइकोर्ट में याचिका भी दायर की. हाइकोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने तार्किक आदेश पारित किया. इसके बाद अभ्यर्थियों ने अवमानना याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई चल रही है. जुलाई 2021 में आयोग ने रिजल्ट निकालने के लिए कार्मिक विभाग को विकल्प देते हुए मार्गदर्शन मांगा था. कार्मिक विभाग ने आयोग को अब तक मार्गदर्शन नहीं दिया है.
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अभ्यर्थी गुलाम हुसैन, विश्वजीत कुमार, रीना कुमारी, नीलिमा पांडेय, शालिनी कुमारी, आशीष कुमार, जैनेंद्र कुमार, अरविंद, अर्जुन कुमार, पिंकी कुमारी ने कहा कि वर्ष 2017 से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया चलायी जा रही है. सितंबर 2019 में सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के बाद आयोग द्वारा रिजल्ट का प्रकाशन नहीं किया गया.
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पंचायत सचिव व निम्न वर्गीय लिपिक पद के सैकड़ों अभ्यर्थियों द्वारा लिये गये निर्णय तीन मार्च को झारखंड विधानसभा का अभ्यर्थी घेराव करेंगे. घेराव के दौरान अभ्यर्थियों के अलावा उनके माता पिता, भाई-बहन सहित पूरे परिवार के सदस्य उपस्थित रहेंगे.
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रिपोर्ट: राणा प्रताप