रांची. रिम्स शासी परिषद की बैठक में लिये गये महत्वपूर्ण फैसले का पालन नहीं हो रहा है. शासी परिषद की 55वीं बैठक में मरीजों को सप्ताह में सात रंग की चादर उपलब्ध कराने पर सहमति बनी थी. लेकिन, अलग-अलग रंग की चादर तो छोड़िये, सभी मरीजों के बेड पर चादर भी नसीब नहीं हो रहा है. अधिकांश मरीज बिना चादर के बेड पर इलाज करा रहे हैं. शनिवार को सेंट्रल इमरजेंसी में कुछ ऐसा ही दिखा. एक दर्जन से ज्यादा मरीजों के बेड पर चादर नहीं थी.
भर्ती के 24 घंटे बाद भी चादर और कंबल नहीं
सेंट्रल इमरजेंसी में भर्ती कई मरीजों ने बताया कि भर्ती के 24 घंटे बाद भी चादर और कंबल नहीं मिले हैं. कुछ मरीजों ने बताया कि कई बार मांगने के बाद चादर मिली, पर कंबल नहीं मिला. घर से लाये कंबल का उपयोग करना पड़ रहा है.
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स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने किया था इमरजेंसी का निरीक्षण
ज्ञात हो कि शासी परिषद की 55वीं बैठक 10 मार्च को हुई थी, लेकिन सांसद संजय सेठ और कांके विधायक समरी लाल ने सेंट्रल इमरजेंसी का निरीक्षण करने के बाद ही बैठक करने का आग्रह किया था. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इमरजेंसी का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान कई बेड पर चादर नहीं मिली थी. वहीं, कई बेड पर गंदा चादर बिछी थी. इसके बाद उक्त बैठक को रद्द कर 26 मार्च को बैठक आयोजित की गयी थी, जिसमें अलग-अलग रंग की चादर बिछाने पर निर्णय हुआ था.