Pitru Paksha Tithi 2023: पितृ पक्ष आज यानी 29 सितंबर से शुरू हो चुका है. पंडित कौशल कुमार मिश्र बताते हैं कि ‘भाद्रपद पूर्णिमा’ से ‘आश्विन कृष्णपक्ष अमावस्या’ चलनेवाले पितृपक्ष के दौरान हम अपने पूर्वजों को याद करते हुए तिथि अनुसार उन्हें तर्पण करते हैं. जिन लोगों को अपने पूर्वजों की तिथि ज्ञात नहीं होती है अथवा किसी कारणवश निश्चित तिथि पर पितरों को तर्पण नहीं कर पाते, वे अमावस्या तिथि को तर्पण कर सकते हैं. उधर, पितृपक्ष पर तर्पण करने के लिए राजधानी रांची से लोगों का गया प्रवास शुरू हो गया है. पौराणिक कथा के अनुसार, गया धाम में पिंडदान करने से 108 कुल और सात पीढ़ियों तक का उद्धार होता है.
किस तारीख को कौन सी तिथि का श्राद्ध
30 सितंबर : इस दिन लोग प्रतिपदा का श्राद्ध कर सकेंगे.
01 अक्टूबर : दोपहर 12:10 बजे तक द्वितीया का श्राद्ध. इसके बाद तृतीया का श्राद्ध होगा.
02 अक्टूबर : सुबह 10:42 दिन तक तृतीया का श्राद्ध. इसके बाद चतुर्थी का श्राद्ध होगा.
03 अक्टूबर : सुबह 9:39 बजे तक चतुर्थी का श्राद्ध. इसके बाद पंचमी का श्राद्ध होगा.
04 अक्टूबर : सुबह 9:04 बजे तक पंचमी का श्राद्ध. इसके बाद षष्ठी का श्राद्ध होगा.
05 अक्टूबर : सुबह 8:58 तक षष्ठी का श्राद्ध होगा. इसके बाद सप्तमी का श्राद्ध होगा.
06 अक्टूबर : सुबह 9:25 बजे तक सप्तमी का श्राद्ध. इसके बाद अष्टमी का श्राद्ध होगा.
07 अक्टूबर : सुबह 10:21 बजे तक अष्टमी का श्राद्ध. इसके बाद नवमी का श्राद्ध होगा.
08 अक्टूबर : दिन के 11:46 बजे तक नवमी का श्राद्ध. इसके बाद दशमी का श्राद्ध होगा.
09 अक्टूबर : दोपहर 1:32 बजे तक दशमी का श्राद्ध. इसके बाद एकादशी का श्राद्ध होगा.
10 अक्टूबर : दोपहर 3:34 बजे तक एकादशी का श्राद्ध.
11 अक्टूबर : शाम 5.41 बजे तक द्वादशी तिथि का श्राद्ध.
12 अक्टूबर : त्रयोदशी का श्राद्ध.
13 अक्टूबर : चतुर्दशी का श्राद्ध.
14 अक्टूबर : सुबह से लेकर रात 10:54 बजे तक अमावस्या तिथि का श्राद्ध कर सकते हैं.