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झारखंड के शहरी क्षेत्र में पेड़ लगाएं, 5 यूनिट बिजली फ्री पाएं, राज्य में लगाये जाएंगे 2 करोड़ से अधिक पौधे

वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा आयोजित 74वां वन महोत्सव कार्यक्रम में शिरकत करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया. कहा कि शहर क्षेत्र के लोग पेड़ लगाएं और पांच यूनिट बिजली फ्री पाएं. साथ ही राज्य में दो करोड़ से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है.

Jharkhand News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 74वां वन महोत्सव में शामिल होते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण तथा संवर्धन वर्तमान समय में महत्वपूर्ण विषय है. राज्य सरकार पर्यावरण और प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयासरत है. वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग इस निमित्त कई नई कड़ियों को जोड़ने का कार्य निरंतर कर रही है. कहा कि क्लाइमेट चेंज को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कार्यों में भागीदारी का संदेश नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है.

पेड़ लगाएं पांच यूनिट बिजली मुफ्त पाएं

राजधानी रांची के नामकुम स्थित ट्रेनिंग ग्राउंड, खोजाटोली में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा आयोजित 74वां वन महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने उपस्थित सभी लोगों से आग्रह किया कि आप सभी एक-एक पेड़ जरूर लगाएं और उस पेड़ को जरूर बचाएं. कहा राज्य को हरा-भरा रखने के लिए हमारी सरकार ने कानून बनाया है कि शहरी क्षेत्र में जो परिवार अपने घरों के कैंपस में पेड़ लगाएंगे प्रति पेड़ उन्हें पांच यूनिट बिजली मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी. यह तो सरकार की एक नीति है, लेकिन हमें इससे हटकर भी पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने पड़ेंगे.

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वन महोत्सव पर बोले मुख्यमंत्री

  • राज्य के शहरी क्षेत्र में पेड़ लगाएं, पांच यूनिट बिजली फ्री पाएं

  • घरों में उत्सव या माता-पिता की याद में या बच्चों के जन्मदिन पर एक पेड़ अवश्य लगाएं

  • क्लाइमेट चेंज को लेकर पूरी दुनिया चिंतित

  • पर्यावरण संरक्षण पर गंभीरता से हो रहा है कार्य

  • विकास कार्य और पर्यावरण में संतुलन जरूरी

  • प्रकृति ने देश की 40% खनिज संपदा से इस राज्य को नवाजा

एक पेड़ अवश्य लगाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी लोग घर में कोई भी उत्सव हो या अपने माता-पिता के याद में, या बच्चों के जन्मदिवस पर एक पेड़ अवश्य लगाएं. कहा कि मनुष्य प्रकृति के साथ जुड़े यह नितांत आवश्यक है. क्लाइमेंट चेंज बहुत तेजी से हो रहा है. समय किसी का इंतजार नहीं करता है. समय रहते अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन हम सभी को ईमानदारी के साथ करने की जरूरत है.

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अन्य देश के लोग झारखंड को खनिज संपदा के लिए करते हैं प्रेम

उन्होंने कहा कि झारखंड नाम से ही यह समझ सकते हैं कि हमारा राज्य जंगल-झाड़ से भरा प्रदेश है. झारखंड प्रदेश देश में सबसे अलग और कहा जाए कि बहुत ही महत्वपूर्ण राज्यों में से एक है. इस राज्य को जल, जंगल, जमीन के लिए जाना जाता है क्योंकि यहां के आदिवासी-मूलवासी जल, जंगल, जमीन से ही प्रेम करते हैं. झारखंड प्रदेश को देश के अन्य राज्यों के लोग खनिज संपदा के लिए प्रेम करते हैं. कहा कि प्रकृति ने देश की 40% खनिज संपदा से इस राज्य को नवाजा है. इस राज्य में लगभग सभी खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में पायी जाती हैं. यहां तक कि परमाणु बनने वाला खनिज भी इस राज्य में मौजूद है, लेकिन विडंबना है कि इन खनिज संपदाओं का पूरा लाभ राज्यवासियों को आज तक नहीं मिल पाया, बल्कि यहां के लोगों को विस्थापन का दर्द जरूर मिला है.

हमारे पूर्वजों ने पूरी शिद्दत और ईमानदारी के साथ जंगल को जीवन का अभिन्न अंग समझा

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भौतिकवादी युग में कई ऐसी विकास की कड़ियां जुड़ रही हैं जो मानव जीवन और सभ्यता के लिए चुनौती बन रहा है. पूरे विश्व में क्लाइमेट चेंज को लेकर आज चिंतन और मंथन किया जा रहा है. आज वृक्षों और जंगलों को कैसे बचाया जाए इस पर सरकार के साथ-साथ कई संस्थाएं काम कर रही है. कहा कि पहले हमारे पूर्वज क्लाइमेट चेंज पर चर्चा नहीं करते थे. वे वृक्ष बचाने की मुहिम नहीं चलाते थे. हमारे पूर्वज बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे भी नहीं हुआ करते थे, लेकिन उन्होंने पूरी शिद्दत और ईमानदारी के साथ जंगल को जीवन का अभिन्न अंग समझा था.

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दो करोड़ से अधिक पौधरोपण का लक्ष्य

उन्होंने कहा कि आज गतिशील मानव को ऐसी जगह खड़ा होना पड़ा जहां मानव जीवन पर्यावरण संरक्षण के लिए जूझ रहा है. कहा कि राज्य सरकार वृक्षों के संरक्षण के लिए कृत संकल्पित है. इस साल राज्य में दो करोड़ से अधिक पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है. राज्य में 50 हजार एकड़ भूमि पर बिरसा हरित ग्राम योजना चलाई जा रही है. मुख्यमंत्री वनधन योजना के तहत पेड़ लगाने पर 75% अनुदान दिया जा रहा है.

हाथियों द्वारा घरों की क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजा राशि में वृद्धि

सीएम हेमंत ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों का विचरण समय-समय पर होता है क्योंकि जानवर भी गतिशील प्राणी होते हैं. हाथी का भी संरक्षण और मानव जीवन का भी संरक्षण हम सभी की प्राथमिकता है. कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों द्वारा घरों को क्षतिग्रस्त किया जाता है. नुकसान पहुंचाए गए घरों की क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजा राशि में भी वृद्धि की गई है. कहा कि लोगों की भागीदारी से ही हाथियों को भी संरक्षित करने में सफलता मिल सकेगी. कहा कि जंगल उजाड़ दिया गया है. जिसके कारण हाथियों को परेशानी होने लगी है. उसके आने-जाने का रास्ता हमने बंद कर दिया है.

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रांची पहले समर कैपिटल के रूप में जाना जाता था

कहा कि रांची कभी समर कैपिटल के रूप में जाना जाता था. एकीकृत बिहार के समय गर्मी के महीनों में रांची में ही विधानसभा सत्र का आयोजन किया जाता था. रांची के इर्द-गिर्द क्षेत्र में आज भी सर्दी के महीनों में बर्फ जमता है. रांची के आसपास कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां वो पेड़ मिलते हैं जो बर्फीले पहाड़ों में पाये जाते हैं. इस प्रदेश में एक समय था जब चाय के बागान हुआ करते थे, लेकिन यह सभी चीजें धीरे-धीरे लुप्त होते गए.

घर और राज्य को हरा-भरा रखने के लिए लोगों को लेना होगा संकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्या ऊपर से नहीं आया, बल्कि हमने खुद से समस्याओं को खड़ा किया है. इन समस्याओं का समाधान हमें स्वयं ढूंढना पड़ेगा. हर व्यक्ति को इस बात के लिए संकल्पित होना होगा कि आज किसी भी कीमत पर अपने घर-आंगन को हरा-भरा, राज्य को हरा-भरा रखने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना है.

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वन विभाग की टोल फ्री नंबर में हजारों शिकायतें दर्ज, कार्रवाई भी हुई

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष आयोजित वन महोत्सव कार्यक्रम में मैंने वन विभाग के पदाधिकारियों से कहा था कि जंगलों की कटाई और अवैध खनन की शिकायत के लिए एक टोल फ्री नंबर जारी करें जिस पर आम जनता शिकायत दर्ज करा सके. मुझे इस बात की खुशी है कि विभाग द्वारा टोल फ्री नंबर जारी किया गया और हजारों की संख्या में शिकायतें दर्ज हुई तथा उन शिकायतों पर विभाग द्वारा कार्रवाई भी की गई.

हमारे आंदोलनकर्ताओं ने इस राज्य का नाम झारखंड रखा

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को मालूम है झारखण्ड राज्य के लिए वन कितना महत्वपूर्ण है. झारखंड का नाम सुनने से ही आपको लगेगा कि यह वनों का प्रदेश है. जब यह राज्य अलग हो रहा था, तो कुछ लोगों ने इस राज्य के नामकरण में भी बदलाव करने का प्रयास किया था. इसे वनांचल रखे जाने की वकालत की थी. हमारे आदिवासी एवं मूलवासी आंदोलनकारी नेतृत्वकर्ताओं ने आंदोलन के शुरुआती दिनों से ही इस प्रदेश का नाम झारखंड के रूप में ही रखे जाने के लिए लंबी लड़ाई और संघर्ष की थी. आदिवासियों एवं मूलवासियों ने लंबे समय तक आंदोलन किया. अलग झारखंड राज्य आंदोलन में कई लोगों की शहादत और कुर्बानी के बाद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में वर्ष 2000 में हमें अलग झारखंड राज्य मिला और अब यह राज्य विकास पथ की ओर अग्रसर है.

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मोबाइल ऐप समेत वेबसाइट और बुकलेट का विमोचन

इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मोबाइल एप्लीकेशन आधारित हाथी विचरण निगरानी प्रणाली ऐप, वन विभागीय वेबसाइट, राष्ट्रीय ट्रांजिट पास प्रणाली का उद्घाटन तथा जलवायु परिवर्तन अनुकूलन से संबंधित बुकलेट का विमोचन गया. वहीं, सीएम ने पर्यावरण एवं वन संरक्षण पर उत्कृष्ट कार्य कर रहे लोगों को पुरस्कृति भी किया. इस दौरान सीएम समेत अन्य अतिथियों ने खोजाटोली के ट्रेनिंग ग्राउंड में पौधरोपण भी किया.

समारोह में इनकी रही उपस्थिति

इस अवसर पर खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने मानव का विकास एवं जलवायु परिवर्तन में समन्वय बनाने तथा प्राकृतिक संतुलन को लेकर अपने संबोधन में विस्तृत प्रकाश डाला. इस मौके पर अपर वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मुख्य सचिव एल खियांगते, प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक कुलवंत सिंह, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एनके सिंह सहित अन्य गणमान्य लोग काफी संख्या में उपस्थित थे.

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