PM Kisan Yojana Update: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे किसानों के लिए अच्छी खबर सामने आई है. दरअसल, सरकार जल्द ही किसानों के खातों में पीएम किसान की 15वीं किस्त की राशि ट्रांसफर करेगी. बता दें कि अब तक किसानों को 14वीं किस्त की राशी यानी 2000 रुपये प्रदान की जा चुकी है. अब किसानों को 15वीं किस्त का इंतजार है और सरकार ने भी किसानों के बैंक खाते में अगली किस्त भेजने की पूरी तैयारी कर ली है. मिली जानकारी के मुताबिक सरकार पीएम किसान की 15वीं किस्त नवंबर या दिवाली के महीने में डायरेक्ट बैंक खातों में भेजने वाली है.
किसानों को कब मिलेगी 15वीं किस्त?
पीएम किसान 15वीं किस्त को लेकर पीएम मोदी सरकार ने कुछ संकेत दिए हैं. मिली जानकारी के अनुसार, सरकार 27 नवंबर 2023 या दिवाली पर पीएम किसान की 15वीं किस्त डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए बैंक खाते में भेज सकती है. हालांकि, सरकार द्वारा पीएम किसान की 15वीं किस्त को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. अधिक जानकारी के लिए आप प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के बारे में आधिकारिक वेबसाइट www.pmkisan.gov.in पर भी देख सकते हैं.
पीएम किसान योजना क्या है?
पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Scheme) केंद्र सरकार के द्वारा चलाई गई एक योजना है. इस योजना की शुरुआत 2019 में की गई थी. जिसके तहत सभी पात्र किसानों को हर साल 6 हजार रुपये तीन भागों में बांट कर उनके खातें में दी जाती है. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपनी पात्रता को चेक करके आवेदन करना होता है. जिसके बाद में पात्र पाए जाने पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को लाभ प्रदान किया जाता है. अब तक किसानों को 14वीं किस्त मिल चुकी है. सरकार ने 14वीं किस्त की राशी 27 जुलाई 2023 को जारी की थी. अब इस योजना का लाभ लेने वाले सभी किसान 15वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं.
झारखंड के इतने फीसदी किसानों को मिलता है इसका लाभ
बात करें झारखंड में इस योजना का लाभ लेने वाले किसानों की तो, झारखंड में केवल 42 फीसदी पंजीकृत किसान ही पीएम किसान योजना का लाभ उठा पाते हैं. जबकि आकड़े कुछ और ही बताते हैं. दरअसल, इस योजना के तहत झारखंड में कुल 3,102,225 किसान पंजीकृत है लेकिन फिर भी इतने ही किसानों को इसका लाभ मिल पा रहा है. झारखंड राज्य में ऐसा इसलिए है, क्योंकि जमीन के रिकार्ड अपडेटेड नहीं है. जिसके कारण सभी पंजीकृत किसानों को लाभ नहीं मिल पाता है. झारखंड में कई सालों से उत्तराधिकार के आधार पर जमीन रिकॉर्ड का म्यूटेशन भी नहीं हो पाया है. साथ ही इन क्षेत्रों में भूमि का हस्तांतरण भी प्रतिबंधित है. इससे झारखंड में योजना के कार्यान्वयन में कई परेशानियां पैदा हो रही है.