रांची: पीएम नरेंद्र मोदी विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के कायाकल्प को लेकर 24 हजार करोड़ की योजना की सौगात देंगे. 15 नवंबर को वे धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर होंगे. बिरसा मुंडा की जयंती पर मनाए जाने वाले जनजातीय गौरव दिवस पर वे झारखंड में पीवीटीजी विकास मिशन योजना की शुरुआत करेंगे. आपको बता दें कि पीएम मोदी के झारखंड दौरे को लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं. 14 नवंबर की शाम को रांची में रोड शो के बाद वे राजभवन में विश्राम करेंगे. 15 नवंबर को रांची से खूंटी जिले के उलिहातू (बिरसा मुंडा का गांव) जाएंगे और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे.
पीवीटीजी विकास मिशन योजना की सौगात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर होंगे. जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर वे विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के समग्र विकास को लेकर 24,000 करोड़ रुपये की योजना की शुरुआत करेंगे. पीवीटीजी विकास मिशन योजना जनजातियों के सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. यह योजना अपनी तरह की पहली पहल होगी. आपको बता दें कि पीवीटीजी की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए वर्ष 2023-24 के बजट में पीवीटीजी विकास मिशन योजना की घोषणा की गयी थी. आपको बता दें कि देश के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 75 पीवीटीजी हैं. करीब 28 लाख की आबादी है. ये 220 जिलों में फैले हैं. ये 22,544 गांवों में रहते हैं.
जनजातीय गौरव दिवस के रूप में बिरसा मुंडा की जयंती
भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर इस बार पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे. प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 नवंबर की शाम को वे रांची पहुंचेंगे और रोड शो करेंगे. इसके बाद वे राजभवन में विश्राम करेंगे. 15 नवंबर को वे रांची से खूंटी के लिए रवाना होंगे. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने झारखंड के धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती (15 नवंबर) को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी. 15 नवंबर 2023 को पीएम मोदी भगवान बिरसा मुंडा के गांव (झारखंड के खूंटी जिले के उलिहातू) में होंगे और जयंती पर वे उन्हें उनके गांव में श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे. इसके लिए जोरशोर से तैयारियां की जा रही हैं. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं.
देश के 22,544 गांवों में रहते हैं पीवीटीजी
देश के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 75 पीवीटीजी हैं. करीब 28 लाख की आबादी है. ये 220 जिलों में फैले हुए हैं. ये 22,544 गांवों में रहते हैं. ये जनजातियां बिखरी हुई हैं और वन क्षेत्रों के दूरस्थ व दुर्गम इलाकों में रहती हैं. इसलिए पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सड़क और दूरसंचार संपर्क से जोड़ने, बिजली, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच और स्थायी आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाओं को पूरा करने के लिए यह योजना बनायी गयी है.
पीवीटीजी विकास मिशन योजना ऐसे होगी लागू
पीवीटीजी विकास मिशन योजना को ग्रामीण सड़क, ग्रामीण आवास और पीने का पानी को कवर करने वाले मौजूदा कल्याणकारी कार्यक्रमों के तहत नौ मंत्रालयों के माध्यम से लागू किया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि इन दूरदराज की बस्तियों को कवर करने के लिए कुछ योजना मानदंडों में ढील दी जाएगी. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, सिकल सेल रोग उन्मूलन, टीबी उन्मूलन, 100 प्रतिशत टीकाकरण, पीएम सुरक्षित मातृत्व योजना, पीएम मातृ वंदना योजना, पीएम पोषण और पीएम जन धन योजना के लिए कवरेज सुनिश्चित किया जाएगा.
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