रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश आज हर तरफ सफलता के शीर्ष को छू रहा है. पांच वर्ष में 13 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं. इतना बड़ा परिवर्तन हुआ है. श्री मोदी ने कहा : 2014 से आपने जब से मुझे दिल्ली गद्दी दी है, उसी दिन से सेवाकाल शुरू हुआ है. हम सेवा करने आये हैं. पहले सरकार खुद को जनता का माई-बाप समझती थी. हमने सेवक की भावना से काम शुरू किया, वंचितों को वरीयता दी. विकसित भारत का संकल्प गरीबों, माताओं-बहनों, नौजवानों, देश के किसानों को मोदी की गारंटी है. जब मोदी की गारंटी होती है, तो आप तो जानते हैं. गारंटी क्या होती है? मोदी की गारंटी यानि गारंटी पूरी होने की भी गारंटी. प्रधानमंत्री श्री मोदी बुधवार को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के पावन दिन खूंटी में जनसभा को संबोधित कर रहे थे. खूंटी की सभा से पूर्व प्रधानमंत्री मोदी धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू गये. भगवान बिरसा की माटी को नमन किया और उनके वंशजों से मिले.
खूंटी की सभा से प्रधानमंत्री ने झारखंड सहित देश के लिए 49 हजार करोड़ की योजनाओं की लांचिंग व उदघाटन किया. प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा की धरती से दो देशव्यापी योजनाओं की शुरुआत की. आदिम जनजाति के लिए 24 हजार करोड़ की ‘पीएम जनमन जनजाति न्याय महाअभियान’ और ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ की शुरुआत हुई. इसके साथ ही सभा में ही मोदी सहित उपस्थित जनसमूह ने विकसित भारत के संकल्प की शपथ ली. प्रधानमंत्री ने अपने 42:18 मिनट के भाषण में विरोधियों पर भी निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा : दशकों से सुबह-शाम सामाजिक न्याय और सेक्युलरिज्म के गीत गाये जाते हैं, बयानबाजी होती रहती है. जब देश में किसी नागरिक के साथ भेदभाव की संभावनाएं हर आशंका खत्म हो जाती है, तो वही सेक्युलरिज्म है. सामाजिक न्याय का भरोसा तभी मिलता है, जब सबको बराबरी से सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है.
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दुर्भाग्य है कि आज कई राज्यों हैं, जहां लोगों को योजनाओं की पर्याप्त जानकारी नहीं है. प्रधानमंत्री ने कहा :
पहले मलाई रसूखदार खा जाते थे. जिनकी सरकार में पहचान थी, वे ही सुविधा-व्यवस्था जुटाते थे. सरकार उन्हीं की सुनती थी. जो लोग समाज में पीछे है, सुविधा से वंचित थे, असुविधा के बीच रहते थे. मोदी ने समाज के ऐसे लोगों प्राथमिकता दी. श्री मोदी ने कहा : मैंने कभी ऐसे परिवार की रोटी खायी, समाज के आखिरी व्यक्ति का नमक खाया है, आज बिरसा मुंडा की धरती पर वही कर्ज चुकाने आया हूं.
चार अमृत स्तंभ बताये :
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अगले 25 वर्षों के अमृत काल में विकसित, भव्य, दिव्य भारत के निर्माण के लिए चार अमृत स्तंभ के मंत्र दिये.
उन्होंने कहा इन अमृत स्तंभ के लिए पूरी ताकत लगा देनी है. उन्होंने कहा, हमारा पहला अमृत स्तंभ हमारी महिलाएं, माताएं-बहनें हैं. दूसरा अमृत स्तंभ हमारे किसान और पशुपालक हैं. तीसरा अमृत स्तंभ किसान व नौजवान हैं. युवा शक्ति हैं, जो देश को नयी ऊंचाई पर ले जायेंगे. हमारा चाैथ अमृत स्तंभ मध्यवर्ग, गरीब भाई-बहन हैं. इन चारों स्तंभ को जितना मजबूत करेंगे, विकसित भारत की इमारत उतनी मजबूत होगी.
ब्यूरोक्रेसी वही, फाइलें वही, सोच बदली, तो परिणाम आये :
प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 से पहले की परिस्थिति की तुलना करते हुए कहा कि जो दशकों से उपेक्षित थे, सरकार उनका संबल बनी. ब्यूरोक्रेसी वही, फाइलें वही, कानून वही, लोग वही, लेकिन हमने सोच बदली, सोच बदली तो परिणाम आये. 2014 से पहले स्वच्छता का दायरा 40 प्रतिशत से कम था. आज 70 प्रतिशत के लगभग है. हमारी सरकार से पहले एलपीजी कनेक्शन 50 से 55 प्रतिशत घरों में था, आज 100 प्रतिशत घरों की महिलाएं धुंआ से मुक्त हैं. पहले 55 प्रतिशत बच्चों को जीवन रक्षक टीका मिलता था, आज शत प्रतिशत बच्चों को टीका मिला है. पहले 17 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल से जल की सुविधा थी, आज 70 प्रतिशत घरों तक पहुंच गयी है. पहले की सरकार आसान लक्ष्य जो हासिल हो जाये, वो करते थे.
आजादी के दशकों बाद 18 हजार घर अंधेरे में थे. हमने एक हजार दिन में इन गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा और पहुंचाया. मक्खन पर लकीर बनाने से नहीं, पत्थर पर लकीर गढ़नी चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 110 जिले विकास के हर पैरामीटर पर पिछड़े थे. पहले की सरकार ने ठप्पा लगा दिया कि पिछड़े हैं, इन्हीं जिलों में मेरे आदिवासी परिवार के लोग रहते थे. इन जिलों में अधिकारियों के पनिशमेंट पोस्टिंग होती थी. थका-हारा हुआ अधिकारी भेजा जाता था. उसकी पोस्टिंग करते थे. इन जिलों में हमने आकांक्षी जिला घोषित किया. सबसे होनहार अफसर भेजे. शिक्षा व स्वास्थ्य में कई सफलता हासिल की. अपने खूंटी जिला समेत झारखंड के कई जिले इस सूची में थे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार अब आकांक्षी ब्लॉक पर इस योजना को विस्तार देगी. प्रधानमंत्री ने कहा :
15 नवंबर से अगले वर्ष 26 जनवरी तक संकल्प यात्रा चलायी जायेगी. सरकार मिशन मोड पर गांव-गांव जायेगी. योजनाओं को लोगों तक पहुंचायेगी. प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्ष 2018 में भी ‘ग्राम स्वराज अभियान’ चलाया गया था. एक हजार अफसरों को सात प्रमुख योजनाएं गांव तक पहुंचाने में लगाया गया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं वह दिन देख रहा हूं, जब हर गरीब के पास राशन कार्ड हो, हर गरीब के घर बिजली कनेक्शन हो, हर घर उज्ज्वला का गैस कनेक्शन हो, हर गरीब को पांच लाख की मुफ्त इलाज का आयुष्मान कार्ड हाे, गरीब को पक्का मकान हो, मैं उस दिन को देख रहा हूं, जब हर किसान को पेंशन हो, हर मजदूर को पेंशन हो.
मंच पर ये लोग थे उपस्थित :
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, अन्नपूर्णा देवी, राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, पदम विभूषण कड़िया मुंडा, विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा और कोचे मुंडा.