रांची (अजय दयाल) : झारखंड की राजधानी रांची के चर्चित विनय महतो हत्याकांड का फिर से ट्रायल होगा. पोक्सो की विशेष अदालत ने केस को री-ओपेन करने का आदेश दे दिया है. प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज (POCSO) की विशेष अदालत (Special Court) की जज कशिका एम प्रसाद ने सोमवार (20 जुलाई, 2020) को सफायर इंटरनेशनल स्कूल चर्चित विनय महतो हत्याकांड (Vinay Mahto Murder Case) में दिये गये जेजे कोर्ट (Juvenile Justice Court) के आदेश को खारिज करते हुए फिर से ट्रायल शुरू करने का आदेश दिया.
पोक्सो कोर्ट (POCSO Court Ranchi) ने जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए दोबारा ट्रायल शुरू करने का आदेश दिया. पोक्सो कोर्ट की न्यायाधीश केएम प्रसाद की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया. उन्होंने बाल अदालत के फैसले को खारिज कर दिया और कहा कि मामले की फिर से सुनवाई शुरू की जायेगी. झारखंड की राजधानी रांची से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
ज्ञात हो कि 4 फरवरी, 2016 की देर रात झारखंड की राजधानी रांची के सबसे महंगे बोर्डिंग स्कूल सफायर इंटरनेशनल स्कूल में सातवीं कक्षा के छात्र विनय महतो की हत्या कर दी गयी थी. विनय के पिता मनबहाल महतो को तड़के 3:30 बजे फोन पर बताया गया कि उनका बेटा बीमार है. कहा गया कि उनके बेटे को गुरुनानक अस्पताल भेजा गया है.
बाद में बताया गया कि उसे रिम्स भेज दिया गया है. मनबहाल महतो रिम्स पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि उनका बेटा विनय स्ट्रेचर पर मृत पड़ा था. उसको अकेले छोड़ दिया गया था. स्कूल के टीचर अौर स्टाफ तक वहां नहीं थे.
इस मामले में मनबहाल महतो ने तुपुदाना ओपी में स्कूल प्रबंधक और विनय के सहपाठियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवायी. मामले में जांच करते हुए रांची पुलिस ने स्कूल की टीचर नाजिया हुसैन, उसके पति आरिफ अली और उनके दो नाबालिग बच्चों को दोषी बताते हुए जेल भेज दिया. 6 मई 2016 को आनन-फानन में उनके खिलाफ चार्जशीट भी फाइल कर दी गयी.
एक जून, 2016 को अदालत ने 8 नये लोगों स्कूल के प्रिंसिपल दूर्वा दास, वाइस प्रिंसिपल मालविका शर्मा, वार्डन अतनु नाग, बोर्डिंग हेड आरएन प्रधान, विंग पैरेंट कनिका बोस, नर्स पुतुल देवी और दो गार्ड संजय लोहरा एवं चामा मुंडा को आरोपी बनाया गया. न्यायायुक्त प्रथम शिवपाल सिंह ने इन सभी 8 आरोपियों के खिलाफ हत्या, साक्ष्य छिपाने और षड्यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए मामले का संज्ञान लिया.
सफायर इंटरनेशनल स्कूल के छात्र विनय महतो मर्डर केस में 6 जुलाई, 2018 को राजधानी के डुमरदगा स्थिति जुवेनाइल कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में शिक्षिका नाजिया के दो नाबालिग बच्चों (एक बेटा और एक बेटी) को सभी आरोपों से बरी कर दिया. इस पर विनय के पिता मनबहाल महतो ने जुवेनाइल कोर्ट के फैसले पर निराशा जतायी थी.
दरअसल, किशोर न्यायालय बोर्ड के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी राजीव त्रिपाठी ने कहा था कि नाबालिगों के खिलाफ पुलिस कोई साक्ष्य नहीं पेश कर सकी. स्कूल के कमरा नंबर 7 से जो ब्लड सैंपल साक्ष्य के रूप में पेश किये गये हैं, वह किसी महिला का है. एसएफएसएल की रिपोर्ट बताती है कि ब्लड सैंपल विनय महतो से मैच नहीं कर रहे. इसलिए नाबालिगों को बरी किया जाता है.
Also Read: झारखंड में बिना मास्क सड़क पर निकले लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पकड़ रही पुलिस, जब्त कर रही मोबाइल
उधर, विनय के पिता मनबहाल महतो को अब भी इस बात का इंतजार है कि उनके बेटे को न्याय मिले. वे लोग सामने आयें, जिन्होंने उनके बेटे का मर्डर किया. हत्या की साजिश के पीछे जो लोग हैं, उनके बारे में जानकारी आने का अब भी उन्हें इंतजार है.
विनय के पिता शुरू से कह रहे हैं, ‘आखिर किसी ने तो मेरे बेटे की हत्या की है. वह कौन है और उसने क्यों मेरे बेटे को मारा, जाने बिना चैन से नहीं बैठूंगा. बेटे के हत्यारे को खोजकर रहूंगा. पुलिस ने मनगढ़ंत कहानी गढ़ी. मेरे बेटे का प्रेम प्रसंग नाजिया की बेटी के साथ बताया, मैं शुरू से कह रहा था कि यह गलत है. 12 साल के बच्चे का प्रेम प्रसंग नहीं हो सकता है. अभी भी मुझे न्याय की तलाश है.’ विनय महतो की मां कशिला देवी ने कहा, ‘नाजिया को उसके बच्चे मिल गये. मैं भी एक मां हूं. मैंने अपना बच्चा खोया है. मैं न्यायालय में हर तारीख पर आती हूं कि मुझे न्याय मिलेगा.’
Posted By : Mithilesh Jha