प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूजा सिंघल प्रकरण में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी है. इसमें पूजा सिंघल द्वारा मनी लाउंड्रिंग के जरिये अपने और अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम अर्जित की गयी संपत्ति आदि का ब्योरा दिया गया है. ईडी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि सीएम सुमन कुमार के ठिकानों से जब्त रुपये अवैध खनन से संबंधित हैं. इस राशि को अवैध खनन मामले में स्थानांतरित कर दिया जायेगा. अब अवैध खनन मामले में भी पूजा सिंघल को अभियुक्त बनाया जा सकता है. तीन-चार जिला खनन पदाधिकारियों को भी अभियुक्त बनाये जाने की संभावना है.
इडी द्वारा राज्य सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट के साथ पीएमएलए कोर्ट में पूजा सिंघल व अन्य के खिलाफ दायर आरोप पत्र की प्रतिलिपि भी संलग्न की गयी है. विस्तृत रिपोर्ट के साथ पूरा प्रकरण का एक संक्षिप्त ब्योरा भी भेजा गया है. इसमें नाजायज कमाई को जायज करार देने के लिए अपनाये गये हथकंडे और पैसों को इधर-उधर भेजने का ब्योरा है. इडी की ओर से भेजी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि पूजा सिंघल मामले की जांच मनरेगा घोटाले के सिलसिले में खूंटी जिले में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर शुरू की गयी थी. हालांकि, छापामारी के दौरान अवैध खनन के सहारे जुटाये गये 17 करोड़ रुपये से अधिक जब्त किये गये. इसे अब अवैध खनन घोटाले में शामिल कर लिया जायेगा.
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प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट की धारा-66(2) में निहित प्रावधानों के तहत तैयार की अपनी रिपोर्ट
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सुप्रीम कोर्ट द्वारा विजय मदन लाल चौधरी बनाम भारत सरकार मामले में दिये गये फैसले के आलोक में इडी ने राज्य सरकार को भेजा है मनी लाउंड्रिंग से संबंधित विस्तृत ब्योरा
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इसके बाद संबंधित अधिकारी के खिलाफ ‘आय से अधिक संपत्ति’ सहित आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए बाध्य है राज्य सरकार
रिपोर्ट में सीए सुमन कुमार के मोबाइल फोन से मिले चैट का ब्योरा भी दिया गया है. चैट में जिला खनन पदाधिकारियों और सुमन कुमार के बीच रुपयों के लेन-देन के लिए कोडवर्ड का सहारा लिया गया है. जिला खनन पदाधिकारियों द्वारा भेजे गये मैसेज में ‘20 किलो भेज दिया’, ‘पांच किलो भेजे दिया’ जैसे वाक्यों का इस्तेमाल हुआ है. वहीं, सुमन द्वारा भेजे मैसेज में ‘20 किलो मिला’, ‘10 किलो मिला’, ‘पांच किलो मिला’ लिखा गया है. इडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सुमन और जिला खनन पदाधिकारियों द्वारा इस्तेमाल किये गये शब्द ‘किलो’ का अर्थ ‘लाख रुपये’ है. जिला खनन पदाधिकारियों ने पूछताछ के दौरान सीए को रुपये भेजने और ‘लाख’ के बदले ‘किलो’ शब्द का इस्तेमाल करने की बात स्वीकार की है.
इडी ने राजीव कैश कांड मामले में भी प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट की धारा 66 (2) के तहत अपनी रिपोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार को भेजी है. इसमें कोलकाता के व्यापारी अमित अग्रवाल द्वारा हाइकोर्ट में शिवशंकर शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका को मैनेज करने के लिए रची गया साजिश का उल्लेख किया गया है. सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि अमित अग्रवाल ने साजिश रच कर राजीव कुमार को कोलकाता बुलाया और 50 लाख रुपयों के साथ गिरफ्तार कराया. इसके लिए अमित अग्रवाल ने पुलिस में अपनी जान-पहचान का इस्तेमाल किया और अपने घर और दफ्तर के इलाके के बाहर के थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. पुलिस ने भी अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करते हुए प्राथमिकी दर्ज की और शिकायत पर कार्रवाई की.
रिपोर्ट : शकील अख्तर, रांची