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झारखंड में गंभीर बिजली संकट, छह से 12 घंटे हो रही कटौती

राज्यभर में खासकर पीक आवर में लगातार 500 मेगावाट की लोड शेडिंग की जा रही है. नतीजतन, पहले जहां दो-तीन घंटे बिजली कटती थी, वह बढ़कर छह घंटे तक हो गयी है. सुबह 5 बजे से 10 बजे के बीच तीन-चार घंटे और शाम 5 बजे से रात 10 बजे के बीच तीन-चार घंटे बिजली कट रही है.

Jharkhand News: झारखंड में बिजली संकट गहराता जा रहा है. 15 अक्टूबर के बाद से ही राज्यभर में खासकर पीक आवर में लगातार 500 मेगावाट की लोड शेडिंग की जा रही है. नतीजतन, पहले जहां दो-तीन घंटे बिजली कटती थी, वह बढ़कर छह घंटे तक हो गयी है. स्थिति यह है कि सुबह 5:00 बजे से 10:00 बजे के बीच तीन-चार घंटे और शाम 5:00 बजे से रात 10:00 बजे के बीच तीन-चार घंटे बिजली कट रही है.

राज्य के ग्रामीण हिस्सों की स्थिति तो और खराब है, वहां 10 से 12 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है. राज्य को फिलहाल टीवीएनएल से 360 मेगावाट, एनटीपीसी से 500 मेगावाट, इनलैंड से 50 मेगावाट समेत अन्य स्रोत से कुल मिलाकर 1200 से 1400 मेगावाट बिजली मिलती है. जबकि, शाम के समय बिजली की मांग बढ़कर 1700 से 1800 मेगावाट पहुंच जाती है. अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति जेबीवीएनएल पावर एक्सचेंज के जरिये करता है. चूंकि अभी पावर एक्सचेंज से बिजली खरीदने पर रोक लगी हुई है, ऐसे में 500 मेगावाट लोड शेडिंग करनी पड़ रही है. उधर, डीवीसी कमांड एरिया में भी बिजली कटौती कर 400 मेगावाट ही बिजली दी जा रही है. वहीं, धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग, चतरा, रामगढ़ में लोड शेडिंग शुरू हो गयी है.

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किस हिस्से में कितनी कटौती

  • राजधानी रांची में सुबह के वक्त तीन घंटे और शाम के वक्त पीक आवर में तीन घंटे (शाम पांच

  • बजे से रात 10 बजे तक) शेडिंग हो रही है.

  • जमशेदपुर, देवघर और दुमका में भी छह घंटे की लोड शेडिंग हो रही है.

  • खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, सिमडेगा, लातेहार, गढ़वा, पलामू, जामताड़ा, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ में तो आठ से 10 घंटे तक की लोड शेडिंग की जा रही है.

बिजली कटौती के तीन बड़े कारण

  • राजस्थान की गर्मी पर निर्भर है झारखंड की बिजली : झारखंड में राजस्थान के सौर ऊर्जा प्लांट से 300 से 350 मेगावाट बिजली आती है. दिन के 10 बजे से शाम पांच बजे तक वहां की गर्मी से बिजली तो मिल जाती है. लेकिन, शाम पांच बजे के बाद सूर्य अस्त होते ही बिजली आपूर्ति बंद हो जाती है. जबकि, शाम में बिजली की मांग 500 मेगावाट तक बढ़ जाती है और इसी समय बिजली आपूर्ति भी कम हो जाती है.

  • सिकिदिरी हाइडल में पानी बंद, तो बिजली भी बंद : रांची के सिकिदिरी हाइडल में पानी बंद कर दिया गया है. इसकी वजह यह है कि रुक्का डैम में जलस्तर 1960 फीट ही रह गया है. गर्मी में पेयजल आपूर्ति बाधित न हो, इसके लिए सिकिदिरी हाइडल को बंद कर दिया गया है. अंतिम बार 15 नवंबर को स्थापना दिवस के दिन सिकिदिरी हाइडल से उत्पादन हुआ. इसके बाद से 130 मेगावाट बिजली की कमी हो गयी है.

नये नियम के तहत बकाया रहने पर बिजली खरीद पर लगी है रोक : इलेक्ट्रिसिटी रूल्स-2022 के तहत केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) को पीक आवर में अतिरिक्त बिजली खरीदने पर रोक लगा दी है. वहीं, करेंट बिल के 205 करोड़ रुपये के बकाया होने के कारण डीवीसी को भी 10 प्रतिशत बिजली कटौती का निर्देश दिया गया है. इधर, इस बार जेबीवीएनएल को 330 करोड़ रुपये ही राजस्व प्राप्त हुआ है, जबकि जरूरत 400 करोड़ की है.

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