Prabhat Khabar Explainer: झारखंड सरकार की ओर से राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है. यहां राज्य सरकार अपने स्तर से सूखा राहत योजना चलायेगी. इसके तहत सूखा प्रभावित किसानों को 3500 रुपये अग्रिम सहायता के रूप में दिया जायेगा. गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दिया है.
ड्राउट मैनुअल 2016 के तहत 226 प्रखंडों को सूखा घोषित
राज्य में ड्राउट मैनुअल 2016 के तहत निहित प्रावधानों के आधार पर 226 प्रखंडों को सूखा घोषित किया गया है. इसके लिए विभाग ने अधिकारियों से जमीनी सच्चाई पता कराया है. 30 से 50 फीसदी तक फसल नुकसान को भी आधार बनाया गया है. सूखे के मद्देनजर आपदा प्रबंधन प्राधिकार समिति ने निर्णय लिया है कि 3500 रुपये प्रत्येक पीड़ित किसान परिवार को दिया जायेगा.
25 प्रतिशत तक उपलब्ध राशि से होगा खर्च
वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान आपदा मोचन निधि (Disaster Response Fund) की वार्षिक राशि के 25 फीसदी की सीमा तक उपलब्ध राशि से यह खर्च किया जायेगा. इसके लिए राज्य सरकार, भारत सरकार से केंद्रीय सहायता की मांग करेगी. भारत सरकार द्वारा राज्य आपदा मोचन निधि राशि मिलने के बाद राज्य सरकार 25 फीसदी से अधिक राशि अपने स्तर से उपलब्ध करायेगी. भारत सरकार से राशि मिलने के बाद 3500 रुपये का समायोजन करते हुए शेष राशि दी जायेगी.
किन प्रभावित किसानों को मिलेगी सहायता राशि
वैसे किसानों को यह राशि दी जायेगी, जिनका जीविकोपार्जन कृषि पर आधारित है. वैसे किसान जो सूखा के कारण बुआई नहीं कर सके हैं, उनको भी यह राशि दी जायेगी. जिनका 33 फीसदी या इससे अधिक फसल क्षतिग्रस्त हैं, उनको भी यह राशि दी जायेगी. भूमिहीन किसान मजदूरों को भी यह राशि दी जायेगी.
कैसे मिलेगी सहायता राशि
प्राप्त आवेदन का सत्यापन अंचल अधिकारी एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी करेंगे. एसडीओ डीसी की रिपोर्ट का अनुमोदन करेंगे. डीसी के प्रतिवेदन के आधार पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार के निर्णय के आलोक में डीबीटी से राशि का भुगतान किया जायेगा.