Jharkhand news: रांची के डोरंडा क्षेत्र में दुर्लभ तीन कल्पतरु पर कील ठोंककर पोस्टर लगाने तथा टायर और केबल लटकाने के मामले को प्रमंडलीय आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी ने गंभीरता से लिया है. श्री कुलकर्णी ने वन प्रमंडल पदाधिाकारी को कल्पतरु पेड़ पर लिपटे केबल को हटाते हुए केबल मालिक के खिलाफ नोटिस जारी करने को कहा है. साथ ही कल्पतरु की सुरक्षा एवं संरक्षण को लेकर कई निर्देश भी दिए हैं. बता दें कि इस मामले को लेकर प्रभात खबर में समाचार प्रकाशित होने पर श्री कुलकर्णी ने इसे संज्ञान में लिया है.
200 साल से अधिक पुरानी है कल्पतरु वृक्ष
प्रमंडलीय आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी ने संज्ञान लेते हुए इसकी सुरक्षा और संरक्षण को लेकर निर्देश जारी किया है. वन प्रमंडलीय पदाधिकारी को जारी निर्देश के तहत कहा कि डोरंडा कॉलेज के समीप मुख्य सड़क के किनारे अवस्थित तीनों कल्पवृक्षों की स्थिति चिंताजनक है. वृक्षों के तने पर कीलें ठोकी गयी है. साथ ही केबल तार टांगे गये हैं. संभवत: यह वृक्ष 200 साल से अधिक उम्र के हैं.
क्या है मामला
रांची के डोरंडा स्थित दुर्लभ तीन कल्पतरु की स्थित चिंताजनक बनी है. कल्पतरु पर जहां कील ठोंककर पोस्टर लगाये जाते हैं, वहीं इस पेड़ को सहारा बनाकर केबल गुजारते हैं. बता दें कि कुछ समय पहले तक यहां कल्तपरु के चार पेड़ थे. लेकिन, अनदेखी के कारण एक पेड़ सूख कर गिर गया. इस कारण अब तीन पेड़ ही बचे हैं. वहीं, नामकुम के प्लांडू में भी चार कल्पतरु के वृक्ष हैं. तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने प्लांडू में कल्पतरु का एक वृक्ष लगाया था.
पौराणिक के साथ औषधीय गुण के वृक्ष हैं
कल्पतरु का औषधीय महत्व है. यह मलेरिया, किडरी और लिवर रोग के इलाज में काफी कारगर है. फल का स्वाद खट्टा-मिठा होता है. इसका पौराणिक महत्व भी है. इधर, पर्यावरणविदों के अनुसार, इन पेड़ों का संरक्षण जरूरी है. सड़क किनारे होने से इन पेड़ों को अधिक नुकसान हो रहा है. बड़ी-बड़ी गाड़ियों के चलने से मिट्टी में कंपन होती है, जिस कारण इसकी जड़ें कमजोर हो रही है.
प्रमंडलीय आयुक्त ने जारी किये निर्देश
प्रमंडलीय आयुक्त श्री कुलकर्णी ने वन प्रमंडल पदाधिकारी को निर्देश जारी करते हुए कहा कि कल्पतरु वृक्ष एक दुलर्भ प्रजाति का वृक्ष है. देश में इसकी संख्या बहुत कम है. ऐसी स्थिति में डोरंडा स्थित तीन कल्पवृक्षों की पर्याप्त सुरक्षा और संरक्षण प्रदान किया जाना आवश्यक है.
– कल्पवृक्षों पर टंगे केबल तारों को अविलंब हटाने के लिए संबंधित केबल के मालिक को नोटिस जारी किया जाए. साथ ही उनसे बिना अनुमति वृक्ष पर केबल टांगने के संबंध में स्पष्टीकरण प्राप्त कर नियमानुसार कार्रवाई की जाए.
– वृक्षों पर लगाये गये कील एवं अन्य आपत्तिजनक सामग्रियों को जल्द हटाए
– वृक्ष के संरक्षण के लिए वृक्ष के चारों ओर लगाए गये लोहे की जाली के आकार की समीक्षा कर वृक्ष के तने से अलग रखना सुनिश्चित किया जाए
– वृक्षों के करीब लोहे के बोर्ड पर इसके बचाव के लिए वृक्ष की जानकारी देने वाली सूचना अंकित करायी जाए एवं
– इन वृक्षों की नियमित देखरेख एवं सुरक्षा के लिए इस क्षेत्र के वन क्षेत्र पदाधिकारी को व्यक्तिगत दायित्व दिया जाए.
Posted By: Samir Ranjan.