आशुतोष चतुर्वेदी
प्रधान संपादक
प्रभात खबर अपनी यात्रा का एक पड़ाव पूरा कर रहा है और स्थापना के 40वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. यह एक बड़ी उपलब्धि है. 14 अगस्त, 1984 को प्रभात खबर ने रांची से अपने सफर की शुरुआत की थी. लेकिन कुछ ही समय में प्रभात खबर ने राष्ट्रीय फलक पर अपनी जगह बना ली. आज प्रभात खबर आठ स्थानों- रांची, जमशेदपुर, धनबाद, देवघर, पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और कोलकाता से एक साथ प्रकाशित होता है. 2019 के इंडियन रीडरशिप सर्वे के मुताबिक प्रभात खबर के पाठकों की संख्या 1.16 करोड़ है और केवल तीन राज्यों से प्रकाशित होने के बावजूद देश के शीर्ष हिंदी अखबारों में प्रभात खबर सातवें स्थान पर है. प्रभात खबर हमेशा सामाजिक सरोकारों के प्रति प्रतिबद्ध रहा है. हमारा सूत्र वाक्य है- अखबार नहीं आंदोलन. यह यूं ही नहीं है. इसका एक पूरा इतिहास है.
गांधीजी जिसे समाज का अंतिम आदमी कहते थे, उस अंतिम व्यक्ति के लिए यह अखबार हमेशा से मजबूती से खड़ा रहा है. जहां भी आम आदमी, समाज और राष्ट्र के विरुद्ध कुछ गलत दिखा, उसके खिलाफ प्रभात खबर एक मजबूत और निष्पक्ष चौथे स्तंभ के रूप में खड़ा हुआ है. जिन घपलों-घोटालों को शासन-प्रशासन ने छुपाकर रखना चाहा, उसे सबके सामने उजागर किया. हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि प्रभात खबर ने सबसे अधिक घपले घोटाले उजागर किये हैं. प्रभात खबर की परंपरा रही है कि वह समाज के हर वर्ग की आवाज बने, जोर-शोर से उनके मुद्दे उठाये. इस कार्य में कई प्रकार की बाधाओं का भी सामना करना पड़ता है, लेकिन हमें अपने पाठकों का नैतिक समर्थन हर बार मिला है. हम जानते हैं कि एक अखबार के लिए पाठकों का प्रेम ही उसकी बड़ी पूंजी होती है.
निष्पक्ष खबरों के साथ ही आधुनिकतम जानकारियों से अपने पाठकों को अवगत कराने का हमारा प्रयास रहा है. मेरा मानना है कि अखबार का असली मालिक तो अखबार का पाठक होता है. पाठक की कसौटी पर ही अखबार की असली परीक्षा होती है. अपनी यात्रा के दौरान अखबार ने कई उतार-चढ़ाव देखे. लेकिन अखबार की यात्रा निरंतर जारी है. इस यात्रा में पाठकों ने हमारा भरपूर साथ दिया और हमें आगे बढ़ने का साहस दिया. इस मौके पर हम उनका दिल से आभार व्यक्त करते हैं. हर सुबह पाठकों तक अखबार पहुंचाने वाले वितरक बंधुओं और विज्ञापनदाताओं के प्रति भी हम सम्मान जाहिर करते हैं. यात्रा के इस पड़ाव तक प्रभात खबर के विभिन्न विभागों के सहयोगियों के बगैर पहुंच पाना मुमकिन नहीं था. उन सबके प्रति भी आभार और शुभकामनाएं.