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रांची के JUT विवि में इनोवेशन को बढ़ावा देने की हो रही तैयारी, पहली बार मिले बड़ी संख्या में स्टार्टअप

विवि में पहली बार एक साथ इतनी संख्या में स्टार्टअप मिले हैं. विवि के कुलपति प्रो विजय पांडेय और एकजुट के मैनेजर डॉ अरुण केशव के अनुसार, विवि के लिए यह बड़ी उपलब्धि है. विवि अपने सेंटर के माध्यम से इन स्टार्टअप को शुरू करनेवाले विद्यार्थियों को प्रयोगशाला सहित आर्थिक सुविधाएं दे रहा है.

रांची, संजीव सिंह : झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (जेयूटी) में सीसीएल की मदद से स्थापित बिजनेस एक्यूबेटर सेंटर ‘एकजुट’ को आठ स्टार्टअप मिले हैं. नये स्टार्टअप ओला/उबर की तरह नयी एंबुलेंस सेवा शुरू करने की तैयारी में जुट गये हैं. ये विद्यार्थियों की पढ़ाई को सुगम बनाने और इनोवेशन को लगातार बढ़ाने पर काम कर रहे हैं. इनके द्वारा विकसित की जा रही तकनीक से बच्चे लैंग्वेज बैरियर को दूर कर नयी चीजें सीख सकेंगे. यहां तक कि इको टूरिज्म को भी नयी दिशा देने की तैयारी है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.

विवि में पहली बार एक साथ इतनी संख्या में स्टार्टअप मिले हैं. विवि के कुलपति प्रो विजय पांडेय और एकजुट के मैनेजर डॉ अरुण केशव के अनुसार, विवि के लिए यह बड़ी उपलब्धि है. विवि अपने सेंटर के माध्यम से इन स्टार्टअप को शुरू करनेवाले विद्यार्थियों को प्रयोगशाला सहित आर्थिक सुविधाएं दे रहा है. डॉ केशव ने बताया कि स्टार्टअप कंपनियों ने विवि में एमटेक कर रहे विद्यार्थियों को अपनी-अपनी कंपनी में छह-छह माह के लिए इंटर्नशिप भी कराने का निर्णय लिया है. अब तक 14 विद्यार्थियों का चयन किया गया है. कुल आठ में से चार स्टार्टअप कंपनियों को विवि की ओर से इग्निशियस ग्रांट भी दिये गये हैं.

इन स्टार्टअप को दी गयी है स्वीकृति

1. एक्सपीरियंस जोन प्राइवेट लिमिटेड

इसके सीइओ अखौरी आनंद कुमार हैं. यह स्टार्टअप वर्चुअल रियलिटी और ऑक्यूमेटेड टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से शिक्षा के क्षेत्र में इमर्सिव अनुभव करा रहे हैं. टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से शिक्षा पाने के तरीकों में बदलाव देखा जा रहा है. वर्चुअल रियलिटी (वीआर) और ऑक्यूमेंटेड रियलिटी (एआर) से बच्चों, युवाओं और बड़ों को सीखने की प्रक्रिया में मदद मिल रही है. लैंग्वेज बैरियर को दूर कर विद्यार्थी नयी-नयी चीजें सीख रहे हैं. यह विद्यार्थियों में स्किल्स को मजबूती और आत्मविश्वास विकसित करने में मदद करती है.

2. माउंट एवरेस्ट टेक्नोलॉजी

इसके सीइओ मो साजिद हुसैन हैं. इस टेक्नोलॉजी का नाम स्कूलिजम भी दिया गया है. वैट जीटीपी ओपेन एआइ, गूगल वार्ड, मशीन लर्निंग व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि ने शिक्षा प्रणाली को एक नयी चुनौती दी है. यह टेक्नोलॉजी मुख्य रूप से ग्रामीण शिक्षा पर शोध करती है. रामगढ़ के चितरपुर से इसकी शुरुआत की गयी है. स्कूलिजम में अभी 30 लोग काम कर रहे हैं. यह सभी स्कूलों के साथ मिलकर इनोवेशन आधारित शिक्षा पर काम कर रही है. इसमें रटन विद्या को कम एवं इनोवेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है.

3. ओल्ग्नेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

इसके सीइओ अमित कुमार चौबे व दिवाकर कुमार गोकुल एमसी द्वारा स्थापित यह स्टार्टअप एनयूएस सिंगापुर द्वारा सीड फंडेड है. यह विशेष रूप से डिजाइन किये गये हार्डवेयर पर काम करता है. यह अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर आधारित स्मार्ट स्क्रीन होगा, जो स्मार्ट फोन तथा स्मार्ट टीवी के सारे फीचर्स के साथ सोलर से चलनेवाला होगा. 2024 तक इसे बिहार व झारखंड के बाद पूरे देश में विस्तार करना है. इससे संवाद करना आसान हो जायेगा और तेज गति से संदेश पहुंच पायेगा.

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4. कलुस्यम टेक प्राइवेट लिमिटेड

यह मूलत: लकड़ी और लाख का प्रयोग करते हुए सबसे विस्तृत और सुगढ़ वास्तुकला के नमूने तैयार करता है. यह भारत के प्रमुख मंदिरों और शक्तिपीठों के नमूने तैयार करता है. इसी कड़ी में अयोध्या राम जन्मभूमि मंदिर का नमूना तैयार किया गया है. यह कंपनी बारहों ज्योतिर्लिंग के नमूने तैयार करने पर कार्य कर रही है. किसी भी प्रस्तावित भवन या संस्थान के नक्शे उपलब्ध कराने पर विस्तृत नमूना तैयार करती है. इससे लोगों को धरोहरों की जानकारी ज्यादा बेहतर तरीके से िमल पायेगी.

5. मोटिवेट प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड

इस स्टार्टअप के सीइओ सात्विक मिश्रा हैं. यह स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि जीविका, नवीन ऊर्जा, कौशल विकास एवं तकनीकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं को धरातल पर सुचारू रूप से क्रियान्वित करने पर सरकार को सहयोग देती है. सामाजिक समस्याओं का भी समाधान करता है. किशोरियों के बीच माहवारी विषय पर सामाजिक चुप्पी तोड़ने व जागरूकता पैदा करने के लिए एमएचएम चाची नामक प्रोडक्ट तैयार किया है. इसके अलावा न्यूट्रिनो नामक डिवाइस के माध्यम से कुपोषण से लड़ने में मदद की जा रही है.

6. मोरमिट्टी

यह स्टार्टअप मुख्य रूप से युवाओं के लिए स्थानीय व्यवसाय को बढ़ावा देगा. स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा. स्थानीय खेती और खाद्य पदार्थों का उपयोग करेगा. पर्यावरण के अनुकूल बुनियादी ढांचा डिजाइन किया गया है. यह विलेज इको टूरिज्म को बढ़ावा देगा.

7. एंबुलाइफ सनमत फाउंडेशन

इसके सीइओ अमित कुमार चौबे, नीतीश श्रीवास्तव और डॉ धनंजय सिंह हैं. यह एक एबुंलेंस एग्रीमेटर सेवा है, जिसका उद्देश्य कठिन और दुर्गम इलाके तक अपनी पहुंच बनाना है. यह एंबुलेंस सेवा ओला/उबर की तरह है.

8. ह्यूमन लाइब्रेरी

अभि प्रेरणा एटीइ वर्ल्ड टॉक प्राइवेट लिमिटेड के सीइओ बीएचयू के छात्र आयुष केशरी हैं. यह स्टार्टअप एक व्यक्ति को सशक्त और विकसित करने में मदद करेगा. यह लोगों को खुद को अभिव्यक्त करने, उनकी पढ़ाई पर पकड़ विकसित करने तथा प्रतिष्ठित व्यक्तियों से बातचीत करने का अवसर देगा. अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ युवाओं को प्रेरित करने का कार्य करेंगे.

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