रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के सभी लोगों तक कोरोना की वैक्सीन पहुंचाने की घोषणा के बाद झारखंड की राजधानी रांची में भी इसकी तैयारी शुरू हो गयी है. गुरुवार (22 अक्टूबर, 2020) को राजधानी रांची में उपायुक्त छवि रंजन ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक की. उन्होंने बताया कि कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्यकर्मियों का डाटाबेस तैयार किया जायेगा.
रांची समाहरणालय में आयोजित बैठक में उपायुक्त छवि रंजन ने होटल एसोसिएशन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के प्रतिनिधियों को कोविड-19 वैक्सीनेशन के संबंध में डाॅक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों का डेटाबेस तैयार करने के निर्देश दिये.
उन्होंने बताया कि डेटाबेस तैयार करने के लेकर केंद्र सरकार द्वारा प्रोटोकाॅल जारी किया गया है. इसके लिए कोविड-19 वैक्सीनेशन बेनिफिशियरी मैनेजमेंट सिस्टम (सीवीबीएमएस) बनाया गया है. दिये गये लिंक से डेटा कलेक्शन टेंपलेट डाउनलोड कर सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डाॅक्टर्स एवं स्वास्थ्यकर्मियों का डेटाबेस अपलोड करना है.
बैठक में उपायुक्त ने कहा कि डाॅक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों का डेटाबेस तैयार करने मेें पूरी ईमानदारी बरतें. अस्पताल के प्यून से लेकर डाॅक्टर तक का डेटाबेस तैयार करें. बैठक के दौरान पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन (पीपीटी) के माध्यम से हाॅस्पिटल एसोसिएशन और आइएमए के प्रतिनिधियों को डेटाबेस अपलोड करने से संबंध में आवश्यक जानकारी दी गयी.
उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में रांची के अपर जिला दंडाधिकारी, रांची एवं बुंडू के अनुमंडल पदाधिकारी, रांची के सिविल सर्जन, हाॅस्पिटल एसोसिएशन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल हुए.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि झारखंड की राजधानी रांची में 2000 से ज्यादा कोरोना के पॉजिटिव केस हैं, जो पूरे राज्य में सबसे अधिक है. प्रदेश में सिर्फ 6,206 कोरोना के एक्टिव केस रह गये हैं, जिसमें 2,147 सिर्फ रांची में हैं.
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राजधानी में कोरोना से अब तक 163 लोगों की मौत हो चुकी है. इसलिए रांची में वैक्सीनेशन की सख्त जरूरत है. इसके बाद सबसे बुरा हाल पूर्वी सिंहभूम का है. यहां 1,339 एक्टिव केस हैं और सबसे ज्यादा 326 लोगों की मौत यहीं हुई है. रांची में 24 हजार से ज्यादा संक्रमण के मामले आ चुके हैं, तो पूर्वी सिंहभूम में यह आंकड़ा 16 हजार के करीब पहुंच गया है.
Posted By : Mithilesh Jha
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