Jharkhand News: झारखंड हाइकोर्ट की धुर्वा स्थित न्यू बिल्डिंग इको फ्रेंडली है. इसे इको फ्रेंडली ही रहने दें. कैंपस तथा बिल्डिंग के अंदर प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह से बंद हो. इसके लिए आप लोग भी अपना सुझाव दें. कैसे प्लास्टिक का उपयोग बंद किया जाये. प्लास्टिक की बोतल में पीने के पानी का उपयोग नहीं हो. कैंपस को नो प्लास्टिक जोन बनाया जाना चाहिए. उक्त बातें झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र ने कहीं. वह सोमवार को कोर्ट नंबर-एक के समीप सेंट्रल लॉबी में आयोजित वरीय अधिवक्ताओं के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे.
वरीय अधिवक्ताओं के योगदान को सराहा
चीफ जस्टिस ने न्याय के क्षेत्र में वरीय अधिवक्ताओं के त्याग व तपस्या की सराहना करते हुए कहा कि यदि व्यवस्था में कुछ कमियां हैं, तो उन्हें शीघ्र दूर कर लिया जायेगा. इससे पूर्व चीफ जस्टिस श्री मिश्र सहित अन्य सभी न्यायाधीशों ने वरीय अधिवक्ताओं को शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया और हाइकोर्ट के नये व पुराने भवन की फोटो स्मृति के रूप में प्रदान किया. सम्मानित होनेवालों में वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा, राजीव शर्मा, वीपी सिंह, जय प्रकाश, बीएम त्रिपाठी, आरसीपी सिन्हा, एके कश्यप, अनिल कुमार, जय प्रकाश झा, अजीत कुमार सहित 24 वरीय अधिवक्ता शामिल थे. इस अवसर पर एडवोकेट एसोसिएशन की अध्यक्ष ऋतु कुमार, महासचिव नवीन कुमार, धीरज कुमार सहित काफी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित थे.
पहले दिन अधिवक्ताओं को हुई परेशानी
धुर्वा स्थित नये भवन में सोमवार से कोर्ट की कार्यवाही शुरू हुई. इसके लिए बड़ी संख्या में अधिवक्ता हाइकोर्ट के नये परिसर में पहुंचे. पहला दिन होने तथा आवंटित जगह खोजने में थोड़ी परेशानी हुई. विशाल कैंपस में जिन्हें चेंबर नहीं मिला है, वैसे अधिवक्ताओं को अधिक परेशानी हुई. टेबल आवंटित नहीं होने से अधिवक्ता असमंजस में दिख रहे थे. एडवोकेट एसोसिएशन के महासचिव नवीन कुमार ने बताया कि 3200 अधिवक्ता हैं. अधिवक्ताओं को 445 चेंबर ही आवंटित हुआ है. दो और एडवोकेट हॉल तैयार हो रहा है. लगभग 1600 अधिवक्ताओं को एसोसिएशन द्वारा 16 जून को टेबल आवंटित कर दिया जायेगा. इसकी सूची जारी कर दी जायेगी. 19 जून से अधिवक्ता अपने आवंटित निर्धारित स्थान पर बैठ कर कार्य कर सकेंगे.