सूरत के एक कोर्ट से कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी को दो वर्ष की सजा सुनाये जाने को लेकर बजट सत्र का अंतिम दिन बाधित रहा. पहली पाली में जैसे ही सूरत कोर्ट से राहुल गांधी के खिलाफ फैसला आया, सत्ता पक्ष के विधायक गरम हो गये. विधायक प्रदीप यादव सदन में उठे और कहा : देश में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है. भाजपा हिटलरशाही पर उतर आयी है़ ये हिटलरशाही नहीं चलने देंगे़ राहुल गांधी गरीबों की लड़ाई लड़ रहे है़ं इनकी आवाज उठा रहे हैं, तो इनको सजा सुनायी जा रही है़ न्यायालय को प्रभावित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने लोकतंत्र की बुनियाद मजबूत की है़ इस परिवार के एक-एक लोग शहीद हुए है़ नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक ने लोकतंत्र को मजबूत किया है़ इंदिरा गांधी, राजीव गांधी देश को लिए शहीद हुए़ लोकतंत्र की हत्या हुई है़ विधायक प्रदीप यादव ने जैसे ही अपनी बातें पूरी की सत्ता पक्ष के विधायक वेल में घुस गये़ भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.
सदन में हो-हंगामा शुरू हो गया. पक्ष-विपक्ष के बीच नारेबाजी होने लगी. कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह वेल के अंदर जमीन पर बैठ गयी़ं पहली पाली में हंगामा देखते हुए स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी़ इसके बाद सदन की कार्यवाही दुबारा शुरू हुई, तो चंद मिनट में मंत्रियों ने विधायी कार्य पूरा किया़ इसके बाद मंत्री भी वेल में आ गये. मंत्री रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता के साथ झामुमो के विधायक भी वेल में घुस गये. मुख्यमंत्री व चंद मंत्री छोड़ पूरा सत्ता पक्ष वेल में आ गया. हंगामा और भी बढ़ गया. राहुल गांधी के मुद्दे पर सदन में दूसरी पाली में भी कार्यवाही एक घंटे के लिए रोकी गयी.