Ram Navami 2023: रांची के रामनवमी महोत्सव की शोभायात्रा 94 वर्ष पुरानी है. इसकी शुरुआत वर्ष 1929 में हुई थी. श्री महावीर मंडल रांची के तत्वावधान में इसकी शुरुआत स्व नानू भगत गोप, महंत ज्ञान प्रकाश नागा बाबा, रामचंद्र साहू ने की थी. आज भी श्री महावीर मंडल के अंतर्गत ही राजधानी के सभी अखाड़े शोभायात्रा में शामिल होते हैं. आस-पास के जिलों से भी श्रद्धालु यहां आते हैं.
राजधानी में शोभायात्रा की शुरुआत हजारीबाग के तर्ज पर हुई. पहली बार हजारीबाग से यहां के लोग चार झंडा के साथ पैदल रांची पहुंचे थे. झंडे को महावीर चौक, रातू रोड ग्वाला टोली, नागाबाबा मठ के बाहर और भुतहा तालाब परिसर में लगाया गया था. 1929 में मात्र चार झंडा के साथ शोभायात्रा निकली थी. इसके बाद धीरे-धीरे अखाड़ों की संख्या बढ़ती चली गयी. 1939 में श्री महावीर मंडल के नाम से उस वक्त के लाट साहेब ने लाइसेंस जारी किया था. यह लाइसेंस आज भी सुरक्षित है. वर्तमान में लगभग 80 लाइसेंसधारी हैं, जिसके अंतर्गत 1800 अखाड़े आते हैं. आज शोभाायात्रा में पांच लाख से अधिक लोग शामिल होते हैं. अध्यक्ष जयसिंह यादव ने कहा कि अखाड़े में 1930 का झंडा सुरक्षित है, जिसकी प्रत्येक मंगलवार को पूजा होती है.
श्री महावीर मंडल पंडरा की शोभायात्रा 1980 से निकल रही है. इस अखाड़े की स्थापना 1872 में हुई थी. अखाड़े का गठन स्व रवि सिंह, भरत साहू, कामेश्वर प्रसाद, लक्ष्मण साहू आदि ने किया था. वर्तमान अध्यक्ष मणिकांत राव उर्फ मोनू ने बताया कि श्री महावीर मंडल रांची के अंतर्गत हम लोगों का अखाड़ा नंबर एक है. 1980 से पहले हमलोगों की शोभायात्रा ग्रामीण इलाकों में ही निकाली जाती थी. इस इलाके की शोभायात्रा को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते थे. खास बात है कि यहां की शोभायात्रा में परंपरागत और आधुनिक वाद्य यंत्रों का समावेश रहता है. वर्तमान कमेटी में संरक्षक शक्ति तिर्की, श्याम चौधरी, उपाध्यक्ष रिंकू सिंह, मंत्री रितेश कुमार, रॉकी, गौतम, विक्की आदि शामिल हैं.