पंडरा बाजार समिति के व्यवसायी दीपक कुमार की रविवार को पंडरा में हत्या होनी थी. संपत्ति विवाद में हत्या की सुपारी उसके भाई आनंद गुप्ता ने ही शूटरों को दी. इसके लिए उन्हें 50 हजार रुपये एडवांस दिये गये थे. हत्या करने के बाद आनंद ने उन्हें एक कार देने की बात कही थी. सुबह से ही दीपक कुमार की शूटर रेकी (पीछा) कर रहे थे. उनकी योजना थी कि व्यवसायी दीपक राधानगर (पंडरा) मुहल्ला स्थित घर से जैसे ही पंडरा स्थित अपनी दुकान पहुंचेंगे. इसी दौरान उनकी हत्या कर दी जायेगी.
इस बात की जानकारी डीआइजी अनूप बिरथरे और एसएसपी किशोर कौशल को मिली. दोनों ने मिलकर एक स्पेशल टीम का गठन किया. इसके बाद स्पेशल टीम का गठन किया गया. टीम ने घात लगाये शूटर समेत आनंद गुप्ता सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इस प्रकार दीपक गुप्ता की जान बची. हालांकि पुलिस ने अभी इस मामले में किसी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है. पंडरा ओपी में केस दर्ज कर सोमवार को पुलिस अधिकारी पूरे मामले का खुलासा कर सकते हैं.
पुलिस अफसरों के अनुसार, दीपक गुप्ता अपने व्यवसाय में काफी आगे निकल चुके थे. उन्होंने रिंग रोड में जमीन खरीदी थी. घर भी बना लिया था. दीपक को आगे बढ़ता देख आनंद गुप्ता को जलन होने लगी थी. दोनों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद भी चल रहा था. इस कारण उन्होंने अपने भाई को रास्ते से हटाने के लिए उसकी हत्या की साजिश रची.
उन्होंने अपने परिचित कुछ पुराने अपराधियों से संपर्क किया और उन्हें भाई की हत्या की सुपारी दी. पुलिस को यह भी पता चला है कि दीपक गुप्ता की सिर्फ दो बेटियां हैं, इसलिए आनंद गुप्ता उनकी हत्या के बाद संपत्ति को अपने कब्जे में लेने की तैयारी में था. हालांकि पुलिस अधिकारियों ने अभी शूटरों के नाम का खुलासा नहीं किया है. गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ के बाद पुलिस उनके गिरोह के अन्य अपराधियों की तलाश में छापेमारी कर रही है.