रांची, प्रणव. पूजा सिंघल की डिस्चार्ज पिटीशन पर रांची स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की विशेष अदालत में शनिवार को सुनवाई हुई. खूंटी मनरेगा घोटाला से जुड़े मनी लांडरिंग केस में निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की याचिका पर विशेष न्यायाधीश प्रभात शर्मा ने सुनवाई की. आज की बहस पूरी हो गयी. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
बता दें कि पिछले साल ही झारखंड की तेज-तर्रार आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को ईडी ने गिरफ्तार किया था. आरोप है कि खूंटी में मनरेगा घोटाला में उन्होंने करोड़ों रुपये की कमाई की. मनी लाउंड्रिंग के आरोप में संजीवनी हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के अधीन चल रहे पल्स हॉस्पिटल और पल्स डायग्नोस्टिक को अस्थायी रूप से जब्त करने का आदेश जारी किया गया था. जब्त संपत्तियों में अस्पताल में लगे उपकरण और मशीनों के अलावा उनकी सास अमिता झा के नाम पर खरीदी गयी जमीन भी शामिल है.
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ईडी ने जब उनकी संपत्तियां जब्त की थीं, तब उसकी कीमत 82.77 करोड़ रुपये आंकी गयी थी. बता दें कि जून 2022 में ही पूजा सिंघल मामले में गिरफ्तार चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार के घर में छापेमारी कर 17.60 करोड़ रुपये कैश बरामद किये थे. इसके अगले दिन उसे ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. मेडिकल जांच के दौरान उसने आरोप लगाया कि ईडी के अधिकारी उस पर पूजा सिंघल का नाम लेने का दबाव बना रहे हैं.
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बता दें कि ईडी ने जब सीए सुमन कुमार के मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच करवायी, तो उससे कुछ जिला खनन पदाधिकारियों के फोन नंबर सामने आये. ईडी ने साहिबगंज, पाकुड़, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम के जिला खनन पदाधिकारियों को समन जारी किया. आरोप था कि जिला खनन पदाधिकारियों को मनपसंद पोस्टिंग दिलाने के बदले सुमन कुमार उनसे पैसे डिमांड करता था. हालांकि, किसी भी जिला खनन पदाधिकारी ने यह स्वीकार नहीं किया कि उसने पोस्टिंग के बदले पैसे दिये.